भारत के पारंपरिक गोली सोडा का अमेरिका, यूरोप और गल्फ देशों में शुरू हुआ निर्यात

नई दिल्ली, 23 मार्च . नए गोली पॉप सोडा ब्रांड के तहत यूएस, यूके, यूरोप और गल्फ देशों में भारत के पारंपरिक पेय गोली सोडा का ट्रायल निर्यात सफल रहा है. यह जानकारी कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा रविवार को दी गई.

एपीडा द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया कि फेयर एक्सपोर्ट्स इंडिया के साथ रणनीतिक साझेदारी ने खाड़ी क्षेत्र की सबसे बड़ी रिटेल चेन में से एक लुलु हाइपरमार्केट को भी लगातार डिलीवरी सुनिश्चित की है. लुलु आउटलेट्स में हजारों बोतलें स्टॉक की गई हैं, जिन्हें बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है.

एपीडा ने कहा, “यूके में गोली पॉप सोडा तेजी से एक कल्चर के रूप में विकसित हुआ है, जो उन उपभोक्ताओं को आकर्षित करता है जो आधुनिक ट्विस्ट के साथ पारंपरिक भारतीय स्वादों के मिश्रण को पसंद करते हैं. यह डेवलपमेंट ग्लोबल स्तर पर भारत की समृद्ध पेय विरासत को प्रदर्शित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.”

इस उपलब्धि को मनाने के लिए, एपीडा ने 4 फरवरी 2025 को एबीएनएन द्वारा आयोजित फ्लैग-ऑफ कार्यक्रम का भी समर्थन किया. इसमें गोली पॉप सोडा का आधिकारिक वैश्विक लॉन्च भी किया गया.

बहुराष्ट्रीय पेय कंपनियों के प्रभुत्व के कारण लगभग लुप्त हो चुके गोली सोडा को फिर से वापस लाना, घरेलू खाद्य और पेय उत्पादों को बढ़ावा देने और निर्यात करने के भारत के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.

एपीडा ने कहा कि आधुनिक पैकेजिंग के साथ पुरानी यादों को मिलाकर, गोली पॉप सोडा को दुनिया भर के उपभोक्ताओं के लिए सफलतापूर्वक फिर से पेश किया गया है.

इसके अतिरिक्त, एपीडा ने 17-19 मार्च 2025 तक आयोजित इंटरनेशनल फूड एंड ड्रिंक इवेंट (आईएफई) लंदन 2025 में गोली पॉप सोडा को प्रदर्शित किया.

एपीडा ने बयान में कहा कि इस कार्यक्रम ने भारतीय उद्यमियों और निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से जुड़ने, नए व्यापार के अवसर तलाशने और भारत के विविध कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए एक मूल्यवान मंच प्रदान किया.

बयान में आगे कहा गया कि वैश्विक बाजारों में उत्पाद की बढ़ती सफलता यह साबित करती है कि घरेलू भारतीय स्वाद अंतरराष्ट्रीय प्रोडक्ट्स के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं, जिससे भारतीय निर्यात के लिए नए रास्ते खुलेंगे और वैश्विक खाद्य और पेय क्षेत्र में भारत की स्थिति मजबूत होगी.