आर्थिक विकास के पथ के अनुरूप है भारत की व्यापार नीति : पीयूष गोयल

नई दिल्ली, 28 मार्च . वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि भारत की व्यापार नीति उसके आर्थिक विकास पथ के अनुरूप है. इसका लक्ष्य 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल करना है.

नई दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम में मंत्री ने कहा, “हमारी व्यापार नीति हमारी विकास यात्रा के आधार पर तय की गई है और विस्तार के लिए खुली है. हम 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर का निर्यात करेंगे. मुझे इस लक्ष्य को हासिल करने में कोई संदेह नहीं है.”

गोयल ने कहा कि हितधारकों की चिंता के कारण और भारतीय बाजार को सस्ते चीनी सामानों की बाढ़ से बचाने के लिए भारत 2019 में क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) से बाहर हो गया था.

उन्होंने कहा कि अगर भारत आरसीईपी से बाहर नहीं निकलता, तो विकास की दौड़ में पीछे रह जाता.

उन्होंने कहा कि कुछ देशों से आने वाले घटिया व कम गुणवत्ता वाले सामानों की बाढ़ से देश में निवेश का माहौल खत्म हो जाएगा.

गोयल ने बताया कि अमेरिका और यूरोप अभी भी कई उत्पादों पर अधिक कर लगाते हैं.

उन्होंने कहा कि भारत को अपनी अर्थव्यवस्था का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने और दुनिया के साथ बड़े पैमाने पर जुड़ाव और निर्यात में वृद्धि पर ध्यान देने की जरूरत है.

मंत्री ने हाल ही में हस्ताक्षरित यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) का हवाला दिया, जिसमें आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड ने भारत के बाजार में प्रवेश के बदले 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है. इससे भारत में दस लाख प्रत्यक्ष रोजगार का अवसर पैदा होगा.

उन्होंने यह भी कहा कि यदि पड़ोसी देश यह सुनिश्चित करता है कि उसकी आर्थिक नीति पारदर्शी है और डब्ल्यूटीओ नियमों का अनुपालन करता है, तो भारत चीन सहित व्यापारिक गुटों का हिस्सा बनने के लिए तैयार है.

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