बजट 2025 से मध्यम वर्ग के खर्च करने की बढ़ेगी क्षमता, भारत के खिलौना उद्योग को मिलेगा सपोर्ट

नई दिल्ली, 2 फरवरी . बजट 2025 में देश के मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता बढ़ाने पर फोकस किया गया है. इसके साथ ही देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है. यह जानकारी रविवार को इंडस्ट्री लीडर द्वारा दी गई.

फनस्कूल इंडिया लिमिटेड के सीईओ केए शब्बीर ने कहा, “भारत को खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनाने की योजना लागू करने की घोषणा सराहनीय है.”

सरकार ने 1 फरवरी को उच्च गुणवत्ता वाले, इनोवेटिव और टिकाऊ खिलौनों का उत्पादन करने के लिए क्लस्टर विकसित करने, कौशल बढ़ाने और एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम बनाने के लिए एक इनिशिएटिव शुरू करने की ऐलान किया था.

इस इनिशिएटिव से घरेलू खिलौना उद्योग को बूस्ट मिलेगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा, “खिलौनों के लिए नेशनल एक्शन प्लान को आगे बढ़ाते हुए, हम भारत को खिलौनों के एक ग्लोबल हब बनाने की योजना लागू करेंगे.”

शब्बीर ने आगे कहा, “भारत के अग्रणी खिलौना निर्माता के रूप में, फनस्कूल ‘मेक इन इंडिया’ इनिशिएटिव में गर्व से योगदान दे रहा है और ऐसा करना जारी रखेगा और भारतीय खिलौना उद्योग को मजबूत करने की दिशा में काम करेगा.”

उन्होंने आगे कहा कि अनिवार्य गुणवत्ता मानदंडों और उच्च सीमा शुल्क जैसी सरकारी नीतियों ने भारत के खिलौना उद्योग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

इन उपायों ने घरेलू निर्माताओं को उत्पादन मानकों को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिससे बेहतर गुणवत्ता और सुरक्षित खिलौने सामने आए हैं.

इसके अतिरिक्त, विशेष रूप से चीन से आयात को महंगा बनाकर, सरकार ने स्थानीय कंपनियों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त देते हुए विदेशी खिलौनों पर भारत की निर्भरता कम कर दी है.

हालांकि, हाल के वर्षों में भारत के खिलौना निर्यात में गिरावट देखी गई है. इस कारण उद्योग जगत के लीडर्स को उम्मीद है कि यह बदलाव न केवल क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप भी होगा जो भारतीय खिलौना निर्माताओं के लिए दीर्घकालिक विकास को बढ़ावा देगा. .

एबीएस/