सौर ऊर्जा उत्पादन में ‘भारत’ का दुनिया में तीसरा स्थान, मेक इन इंडिया के साथ मजबूत होगी स्थिति: आईएसए

नई दिल्ली, 27 मई . अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के महानिदेशक आशीष खन्ना ने मंगलवार को कहा कि सौर ऊर्जा उत्पादन को लेकर भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के साथ हम वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति और अधिक मजबूत कर सकते हैं.

इंडिया इंटरनेशनल समिट, नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय आयोजन ‘इंडिया हीट समिट 2025’ में शामिल आशीष खन्ना ने समाचार एजेंसी को बताया कि क्लाइमेट चेंज एक बड़ा मुद्दा है. यह बेहद जरूरी है कि 2047 तक विकसित भारत के सपने के साथ हम ज्यादा से ज्यादा विकास करें.

उन्होंने कहा, “केवल बिल्डिंग्स को लेकर हमारी ऊर्जा की जरूरत अगले 15 वर्षों में डबल हो जाएगी. बहुत सारे नए भवनों का निर्माण होगा, जिससे तापमान के और अधिक बढ़ने की परेशानी भी साथ आएगी. इस परेशानी के लिए सोलर एक समाधान बनता है.”

खन्ना ने सौर ऊर्जा से जुड़ी योजनाओं को बढ़ावा देते हुए कहा, “इन समाधानों में भारत सरकार की पीएम-सूर्य घर और प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजनाओं का अहम योगदान हो सकता है. इन योजनाओं को बढ़ावा देने से डीजल-बेस्ड जनरेशन और प्रदूषण कम होगा. प्रदूषण कम होगा तो हीट वेव भी कम होगी. बिल्डिंग-इंटीग्रेटेड पीवी बनने को लेकर ही 4-5 लाख नौकरियों के अवसर भी मौजूद हैं.”

उन्होंने कहा कि फाइनेंसिंग, इनोवेशन, स्केल-अप और न्यू बिजनेस मॉडल बेहद जरूरी हैं, जिन्हें लेकर चर्चा होनी चाहिए, ताकि शहरों का तापमान मैनेज हो सके और आने वाले समय में हम ऊर्जा को लेकर दोगुनी-तिगुनी जरूरत को पूरा कर सकें.

मेक इन इंडिया को लेकर खन्ना ने कहा, “भारत में स्टार्टअप्स की संख्या बहुत अधिक है और सभी का ध्यान लोकलाइज्ड सॉल्यूशन पर है. देश में अधिक से अधिक पैनल बन रहे हैं. मेक इन इंडिया को लेकर तीन बातें मायने रखती हैं- पहली हम कौन-से नए आइडिया लेकर आएंगे. दूसरी, मौजूदा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कैसे होगा और तीसरा हमारे बिजनेसमैन नई फाइनेंसिंग और सॉल्यूशन व्यवस्था से कैसे आएंगे.”

‘इंडिया हीट समिट 2025’ को लेकर आईएमडी डायरेक्टर मृत्युंजय महापात्र ने से कहा, “यह समिट क्लाइमेट चेंज को लेकर हमारी सोसाइटी पर हीट वेव के प्रभाव को बताता है. हीट वेव के प्रभाव को कैसे कम किया जा सकता है और क्या उपाय लाए जाने चाहिए, इन सब को लेकर एक थिंक टैंक चर्चा कर रहा है. मेरा मानना है कि इस समिट से बहुत सारे बेहतर सुझाव और उपाय बाहर निकल कर आएंगे.

एसकेटी/केआर