वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का चीनी उत्पादन बढ़कर 247.61 लाख टन हुआ

नई दिल्ली, 31 मार्च . इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईएसएमए) से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश भर में 95 मिलों के साथ वित्त वर्ष 2024-25 में 31 मार्च, 2025 तक चीनी उत्पादन 247.61 लाख टन तक पहुंच गया है.

आईएसएमए के अनुसार, देश में चीनी उत्पादन उम्मीद के मुताबिक जारी है, जिससे आपूर्ति को लेकर किसी तरह की बाधा नहीं है.

उत्तर प्रदेश में करीब 48 मिलें अभी भी परिचालन में हैं. प्लांट गन्ने की बेहतर पैदावार के कारण, गन्ने की उपलब्धता में सुधार हुआ है और इन मिलों के अप्रैल 2025 के मध्य से अंत तक चालू रहने की उम्मीद है.

इसके अलावा, आईएसएमए के बयान के अनुसार, सीजन की दूसरी छमाही में चीनी रिकवरी में भी सुधार हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप चीनी का उत्पादन अधिक हुआ है.

दक्षिण कर्नाटक में कुछ कारखानों में जून/जुलाई से सितंबर 2025 तक विशेष सीजन के दौरान परिचालन फिर से शुरू होने की उम्मीद है.

आईएसएमए ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से, कर्नाटक और तमिलनाडु सामूहिक रूप से विशेष सीजन में लगभग 4 लाख टन चीनी का योगदान करते हैं.

आईएसएमए के संकलित राज्यवार आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 31 मार्च तक चीनी उत्पादन 87.5 लाख टन तक पहुंच गया है. इसके बाद महाराष्ट्र में 80.06 लाख टन, कर्नाटक में 39.55 लाख टन, गुजरात में 8.21 लाख टन और तमिलनाडु में 4.16 लाख टन चीनी उत्पादन रिकॉर्ड किया गया है.

वहीं, बाकी 28.13 लाख टन का श्रेय “दूसरे राज्यों” को दिया जाता है.

आईएसएमए के बयान के अनुसार, डेटा में वह चीनी शामिल नहीं है, जिसे इथेनॉल उत्पादन के लिए डायवर्ट किया गया है.

आईएसएमए ने पहले कहा था कि 12 मार्च, 2025 को इसकी कार्यकारी समिति द्वारा गहन समीक्षा के बाद, इथेनॉल उत्पादन के लिए 35 लाख टन डायवर्ट करने के बाद शुद्ध चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित कर 264 लाख टन कर दिया गया था.

बयान में कहा गया है, “कुछ क्षेत्रों में उत्पादन में कमी के बावजूद, एसोसिएशन ने आश्वासन दिया है कि चीनी की उपलब्धता घरेलू मांग को आसानी से पूरा करेगी.”

आईएसएमए ने कहा कि वह अनुकूल मौसम की स्थिति और बेहतर रोपण के कारण आगामी 2025-26 सत्र को लेकर आशावादी है.

2024 के मानसून ने विशेष रूप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ना रोपण को बढ़ावा दिया है, जिससे अक्टूबर 2025 में पेराई सत्र की समय पर शुरुआत के लिए मंच तैयार हो गया है.

उत्तर प्रदेश और दूसरे उत्तरी राज्यों में, गन्ने की किस्मों को बदलने के प्रयास पहले से ही आशाजनक परिणाम दिखा रहे हैं.

आईएसएमए ने आगे कहा कि भारत सरकार द्वारा 20 जनवरी, 2025 को घोषित हालिया निर्णय, जिसमें चालू सीजन के लिए 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी गई है, से उद्योग को काफी लाभ हुआ है.

इस नीति ने मिल मालिकों को वित्तीय स्थिरता प्रदान करते हुए घरेलू चीनी स्टॉक को संतुलित करने में मदद की है. साथ ही समय पर निर्यात ने मिलों को तय समय पर भुगतान करने की अनुमति दी है, जिससे 5.5 करोड़ किसानों और उनके परिवारों को लाभ हुआ है.

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