New Delhi, 17 सितंबर . India के मजबूत घरेलू फंडामेंटल, घरेलू खपत और GST 2.0 सुधारों ने अमेरिकी टैरिफ के संभावित प्रभाव को कम कर दिया है. यह जानकारी Wednesday को आई एक रिपोर्ट में दी गई.
बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि GST सुधार और आरबीआई द्वारा दरों में कटौती India के इक्विटी बाजार की वृद्धि के लिए सहायक होंगे और इसे बाहरी झटकों से बचाने में मदद करेंगे.
2025 के दौरान भारतीय आयातों पर अमेरिकी टैरिफ के बावजूद सेंसेक्स के बाजार पूंजीकरण में 66.5 अरब डॉलर की वृद्धि हुई.
विश्लेषकों ने कहा कि बाजार ने टैरिफ अनिश्चितता को ध्यान में रखा है और अब अंतर्निहित इकोनॉमिक फंडामेंटल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी President ट्रंप द्वारा टैरिफ की घोषणा शुरू करने के बाद जनवरी से अप्रैल की अवधि में सकारात्मक रिटर्न देने वाले चार देशों में हांगकांग, ब्राजील और चीन के साथ India भी शामिल था.
जनवरी से अप्रैल तक, अमेरिकी सूचकांक डॉव जोन्स और एसएंडपी 500 ने नुकसान दर्ज किया, जिससे बाजार मूल्य में 6.1 ट्रिलियन डॉलर की गिरावट आई.
रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल स्टॉक मार्केट में 2025 के मध्य में तेजी से उछाल आया. अप्रैल में घोषित 90-डे टैरिफ पॉज, साथ ही ब्रिटेन, जापान, इंडोनेशिया और वियतनाम के साथ अमेरिकी व्यापार समझौते और चीन के साथ युद्धविराम समझौते के कारण अप्रैल से सितंबर तक बाजार में तेजी आई.
अमेरिका के अलावा, हांगकांग, चीन और थाईलैंड सहित व्यापार समझौतों के अधिकांश सदस्य देशों ने दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज की.
डॉव का बाजार पूंजीकरण इस वर्ष अब तक 2 ट्रिलियन डॉलर बढ़ा है, जबकि एसएंडपी 500 में 4.9 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है.
चीन के शंघाई कंपोजिट में 1.6 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है, जबकि जापान के निक्केई में 756.4 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है.
जेफरीज के इक्विटी स्ट्रैटेजी के ग्लोबल हेड क्रिस्टोफर वुड ने Tuesday को कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की लगातार बिकवाली के बीच, घरेलू म्यूचुअल फंडों के प्रवाह ने इस वर्ष भारतीय इक्विटी को 20-30 प्रतिशत की गिरावट से बचाया है.
घरेलू निवेशकों के शुद्ध निवेश का अगस्त लगातार 25वां महीना रहा और वित्त वर्ष 2026 के पहले पांच महीनों में इक्विटी में 37.6 अरब डॉलर का निवेश किया गया.
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