भारत की स्पेस इकोनॉमी अगले 10 वर्षों में 45 अरब डॉलर की हो जाएगी : डॉ. जितेंद्र सिंह

New Delhi, 18 नवंबर . केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने Tuesday को कहा कि आज India की स्पेस इकोनॉमी 8 अरब डॉलर की है और अनुमान है कि अगले 10 वर्षों में यह 44-45 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी.

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इंडिया इंटरनेशनल स्पेस कॉन्क्लेव (आईआईएससी 2025) की थीम एक्सपैंडिंग हॉरिजोन:इनोवेशन, इंक्लूजन एंड रेजिलिएंस इन द न्यू स्पेस एज को लेकर कहा कि India का स्पेस सेक्टर वर्तमान समय में एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है, जो कि इस कार्यक्रम की थीम से उजागर होता है.

उन्होंने इंडस्ट्री लीडर्स, ग्लोबल एजेंसी, डिप्लोमेट और स्टार्टअप को संबोधित करते हुए कहा कि India Government की ओर से पेश सुधारों ने एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार किया है, जहां टैलेंट, टेक्नोलॉजी और इन्वेस्टमेंट मिलकर India की स्पेस इकोनॉमी को आकार दे सकते हैं.

Union Minister सिंह ने कहा कि India स्पेस सेक्टर में जुड़ाव और निवेश के लिए एक पसंदीदा वैश्विक गंतव्य के रूप में उभर रहा है. उन्होंने कहा कि यह हाल के महीनों में देश का दौरा करने वाले कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों की बढ़ती रूची से स्पष्ट होता है.

कार्यक्रम की थीम के इंक्लूजन पहलू को लेकर Union Minister ने कहा कि स्पेस सेक्टर अनलॉक होने के साथ स्टार्ट-अप, छात्र, उद्योग और नागरिक उस क्षेत्र में आ गए हैं, जो कभी एक बंद क्षेत्र था. अब हजारों लोग रॉकेट के लॉन्च को देख रहे हैं. कुछ ही वर्षों में 300 से अधिक स्पेस स्टार्टअप उभरे हैं. इनमें से अधिकांश ने विदेशी निवेश को आकर्षित किया है और तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.

इनोवेशन को लेकर Union Minister ने चंद्रयान के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने और चंद्रमा पर पानी की खोज से लेकर सफल मंगलयान मिशन और एक साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च तक की India की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला.

उन्होंने कहा कि India के लगभग 70 प्रतिशत स्पेस एप्लीकेशन ईज ऑफ लिविंग को सपोर्ट करते हैं. उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग के लिए गति शक्ति, लैंड मैपिंग के लिए स्वामित्व, उपग्रह-सक्षम आपदा प्रबंधन, दूरस्थ क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन और रेलवे सेफ्टी सिस्टम का उदाहरण दिया, जो बाधाओं का पहले ही पता लगा सकती हैं.

एसकेटी/