बेंगलुरु, 16 अप्रैल . भारत 2024 में डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डी2सी) सेक्टर फंडिंग में वैश्विक स्तर पर दूसरे नंबर पर रहा. यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में बुधवार को दी गई.
ट्रैक्सन की रिपोर्ट के अनुसार, बीते वर्ष देश का डी2सी सेक्टर फंड जुटाने में चीन, यूके और इटली से आगे रहा है. हालांकि, अमेरिका से पीछे है.
रिपोर्ट में बताया गया कि 2024 में भारत के डी2सी सेक्टर ने कुल 757 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया है.
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 11,000 से ज्यादा डी2सी कंपनियां हैं. इनमें से 800 से ज्यादा फंडिंग जुटाने में सफल रही हैं.
शुरुआती चरण और सीड चरण की फंडिंग में वृद्धि देखने को मिली है. 2024 में शुरुआती चरण की फंडिंग 25 प्रतिशत बढ़कर 355 मिलियन डॉलर हो गई है. सीड-चरण की फंडिंग 18 प्रतिशत बढ़कर 141 मिलियन डॉलर हो गई है.
ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा, “भारत का डी2सी सेक्टर निवेशकों द्वारा मुनाफे और विकास को प्राथमिकता दिए जाने के साथ लगातार विकसित हो रहा है. शुरुआती चरण के निवेश में वृद्धि भारत के डी2सी सेक्टर की लंबी अवधि की क्षमता में निरंतर विश्वास का संकेत देती है.”
2024 में सबसे ज्यादा फंड प्राप्त करने वाले सेगमेंट में डी2सी ऑर्गेनिक ब्यूटी ब्रांड, ऑनलाइन ज्वेलरी ब्रांड और डी2सी ब्यूटी ब्रांड शामिल थे.
ऑर्गेनिक ब्यूटी ब्रांड की फंडिंग में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली. इन कंपनियों को 105 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है और यह 2023 में मिली फंडिंग के मुकाबले 79 प्रतिशत अधिक है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में सबसे बड़ा फंडिंग राउंड ब्लूस्टोन द्वारा किया गया, जिसने 964 मिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर सीरीज डी फंडिंग में 71 मिलियन डॉलर जुटाए.
रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु की कंपनियों ने 253 मिलियन डॉलर, गुरुग्राम की कंपनियों ने 164 मिलियन डॉलर और मुंबई की कंपनियों ने 99.8 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की.
रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु और गुरुग्राम ने मिलकर इस सेक्टर में जुटाए गए सभी फंड में से आधे से अधिक का योगदान दिया.
डी2सी इकोसिस्टम के सपोर्ट के लिए, भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) जैसी कई पहल शुरू की हैं.
एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) और ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम जैसे अन्य प्रयास डी2सी ब्रांडों को वैश्विक स्तर पर बढ़ने और सस्टेनेबल प्रैक्टिस को अपनाने में मदद कर रहे हैं.
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एबीएस/