भारत का रियल एस्टेट सेक्टर 2030 तक पहुंच जाएगा 83 लाख करोड़ रुपये तक : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 28 मार्च . भारत के रियल एस्टेट सेक्टर ने कैलेंडर वर्ष 2023 में सकल घरेलू उत्पाद में 7.3 प्रतिशत का योगदान दिया था. इसी के साथ इस सेक्टर द्वारा 2030 तक देश की आर्थिक वृद्धि में 13 प्रतिशत का योगदान देने का अनुमान है. शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, शहरीकरण, बढ़ती आय, ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ और ‘रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी’ (रेरा) जैसी सरकारी पहलों के कारण यह सेक्टर 2023 में 40 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2030 तक 83 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा.

कमर्शियल रियल एस्टेट सेगमेंट में उछाल आ रहा है, जिसमें 2024 में आईटी, बीएफएसआई और बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा संचालित ऑफिस लीजिंग एक्टिविटी 71.9 मिलियन वर्ग फीट तक पहुंच गई है. इस सेक्टर में 2030 तक 15.4 प्रतिशत की सीएजीआर से वृद्धि होने का अनुमान है.

बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर और मुंबई ने इस वृद्धि के तहत सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है, जबकि हैदराबाद और पुणे हब के रूप में उभरे. ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी), हाइब्रिड वर्क मॉडल और कोवर्किंग स्पेस के उदय ने इस विकास गति को समर्थन दिया.

रिपोर्ट में बताया गया है कि कमर्शियल रियल एस्टेट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, इंटीरियर फिट-आउट बाजार है, जो कि 2023 में 277 बिलियन रुपये से बढ़कर 2030 तक 805 बिलियन रुपये हो जाएगा. यह 16.5 प्रतिशत की मजबूत सीएजीआर को दर्शाता है.

ग्रीन फिट-आउट, टेक-इनेबल्ड डिजाइन और हाइब्रिड वर्कस्पेस सॉल्यूशन जैसे उभरते रुझान भारत में मॉडर्न ऑफिस एनवायरमेंट को फिर से परिभाषित कर रहे हैं.

भारत की शहरी आबादी, जो 2030 तक 600 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, विशेष रूप से टियर 1 और 2 शहरों में अनुकूलित कार्यस्थलों की मांग को बढ़ावा देगी.

केयरएज एडवाइजरी एंड रिसर्च की निदेशक और प्रमुख तन्वी शाह ने कहा, “ऑफिस फिट-आउट सेक्टर में अगले पांच वर्षों में 16 प्रतिशत की सीएजीआर से वृद्धि होने की उम्मीद है, जो बहुराष्ट्रीय निगमों और आईटी, बीएफएसआई और ई-कॉमर्स सेक्टर में हाई-ऑफिस स्पेस अब्सॉर्प्शन द्वारा संचालित है.”

इंटीरियर फिट-आउट इंडस्ट्री स्थिरता, टेक्नोलॉजी और कर्मचारी-केंद्रित डिजाइनों पर ध्यान केंद्रित करते हुए इनोवेशन को बढ़ावा दे रही है.

इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्ट शहरों के लिए समर्थन जैसी सरकारी पहल रियल एस्टेट उद्योग के लिए फायदेमंद हैं.

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