नई दिल्ली, 1 अप्रैल . भारत का कच्चा रेशम उत्पादन 2024-25 की अप्रैल-जनवरी अवधि में 34,042 मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जो 2014-15 की इसी अवधि के 24,299 मीट्रिक टन के आंकड़े से करीब 10,000 टन अधिक है. यह जानकारी मंगलवार को संसद में दी गई.
कपड़ा राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि देश में कैटालिटिक डेवलपमेंट प्रोग्राम, नॉर्थ ईस्ट रीजन टेक्सटाइल प्रमोशन स्कीम (एनईआरटीपीएस), इंटीग्रेटेड स्कीम फॉर डेवलपमेंट ऑफ सिल्क इंडस्ट्री, सिल्क समग्र और सिल्क समग्र-2 जैसी केंद्रीय योजनाओं के हस्तक्षेप के कारण कच्चे रेशम का उत्पादन बढ़ा है.
उन्होंने यह भी कहा कि इस साल जनवरी तक कच्चे रेशम उत्पादन के अनुसार, रेशम क्षेत्र में अनुमानित रोजगार सृजन 80.90 लाख व्यक्ति है, जिसमें 71.2 लाख व्यक्ति को प्रत्यक्ष रोजगार तथा 9.7 लाख व्यक्ति को अप्रत्यक्ष रोजगार मिला.
कपड़ा राज्य मंत्री ने बताया कि देश में 109 स्वचालित रीलिंग मशीनों की स्थापना और संचालन से भारत में अंतरराष्ट्रीय ग्रेड (3ए और 4ए) गुणवत्ता वाले रेशम के उत्पादन में वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा कि सरकार, केंद्रीय रेशम बोर्ड के माध्यम से, वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक देश में रेशम उद्योग के समग्र विकास के लिए 4,679.85 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ रेशम समग्र-2 योजना चला रही है.
कपड़ा राज्य मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत, राज्यों को महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.
इसमें किसान नर्सरी तैयार करना, रेशम कीट पालन पैकेज (पौधा रोपण, सिंचाई, पालन गृह, पालन उपकरण और रोगनिरोधी उपायों के लिए सहायता शामिल है), प्री-कोकून क्षेत्र में चॉकी पालन केंद्रों की स्थापना, रेशम कीट बीज क्षेत्र के लिए समर्थन, रेशम रीलिंग, कताई, बुनाई, पोस्ट कोकून क्षेत्र के लिए प्रोसेसिंग कंपोनेंट शामिल हैं.
उन्होंने आगे कहा कि अब तक रेशम समग्र-2 योजना के तहत लगभग 78,000 लाभार्थियों को कवर करने के लिए राज्यों को 1,075.58 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता प्रदान की गई है.
इसके अतिरिक्त, रिसर्च और डेवलपमेंट एक्टिविटी के माध्यम से, रेशम क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रेशम के उत्पादन और उत्पादकता में सुधार किया गया है.
उन्होंने कहा कि राज्यों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर, चालू वर्ष सहित पिछले तीन वर्षों के दौरान रेशम समग्र-2 के अंतर्गत आंध्र प्रदेश को 72.50 करोड़ रुपये और तेलंगाना को 40.66 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता प्रदान की गई है.
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एसकेटी/एबीएम