भारत की निजी क्षेत्र की कंपनियों का मुनाफा बढ़ा, कर्ज हुआ कम: आरबीआई

नई दिल्ली, 25 फरवरी . आरबीआई द्वारा जारी लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत में निजी क्षेत्र की कंपनियों के परिचालन लाभ मार्जिन के साथ-साथ शुद्ध लाभ मार्जिन में 2023-24 के दौरान प्रमुख क्षेत्रों में सुधार हुआ. जबकि इस वर्ष निजी क्षेत्र की कंपनियों के कर्ज का बोझ भी कम हुआ, जो मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाता है.

आरबीआई की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, “2023-24 के दौरान परिचालन लाभ में पिछले वर्ष की 4.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2023-24 में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के परिचालन लाभ में 2023-24 के दौरान क्रमशः 13.2 प्रतिशत और 15.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि 2022-23 में यह दोनों क्षेत्रों के लिए क्रमश: 3.9 प्रतिशत की गिरावट और 16.8 प्रतिशत की वृद्धि थी.”

कर के बाद लाभ में 2023-24 के दौरान 16.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई; सर्विस सेक्टर की कंपनियों ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के 7.6 प्रतिशत की तुलना में कर-पश्चात लाभ वृद्धि 38.1 प्रतिशत दर्ज की.

रिजर्व बैंक ने 6,955 कंपनियों के ऑडिटेड वार्षिक खातों के आधार पर 2023-24 के दौरान गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन से संबंधित डेटा जारी किया.

रिपोर्ट के अनुसार, डेट-टू-इक्विटी रेशो द्वारा मापी गई इन कंपनियों का लीवरेज 2023-24 के दौरान मध्यम बना रहा.

आरबीआई ने कहा कि सकल लाभ में वृद्धि ब्याज व्यय में वृद्धि से आगे निकल जाने के कारण ब्याज कवरेज अनुपात (आईसीआर) 2023-24 के दौरान 4.1 तक सुधर गया; मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों का आईसीआर 6.3 पर स्थिर रहा, जबकि सर्विस कंपनियों के लिए यह मामूली रूप से सुधरकर 3.2 हो गया.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2023-24 के दौरान सार्वजनिक सीमित कंपनियों के सैंपल सेट के कुल फंड में इंटरनल सोर्स का हिस्सा दो-तिहाई से अधिक था, जिसका मुख्य कारण रिजर्व और अधिशेष में वृद्धि थी.

आरबीआई के अनुसार, इन सार्वजनिक सीमित कंपनियों की सकल अचल संपत्ति 2023-24 के दौरान 10 प्रतिशत बढ़ी; मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रिकल उपकरण, मोटर वाहन और अन्य परिवहन वाहन क्षेत्रों ने अचल संपत्तियों में उच्च वृद्धि दर्ज की.

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि निजी सीमित कंपनियों, जो स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट नहीं हैं, के परिचालन लाभ में भी 2023-24 के दौरान समग्र स्तर पर और साथ ही मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में तेजी आई.

नतीजतन, परिचालन लाभ और बिक्री के बाद कर के अनुपात से मापा गया लाभ मार्जिन 2023-24 के दौरान बेहतर हुआ.

समग्र स्तर पर, इन कंपनियों के सैंपल का लीवरेज डेट-टू-इक्विटी रेशो के संदर्भ में मार्च 2024 में एक साल पहले के स्तर 45.2 प्रतिशत के करीब रहा.

रिपोर्ट के अनुसार, समग्र स्तर पर, आईसीआर 2023-24 के दौरान पिछले वर्ष के 2.7 से सुधरकर 3.1 हो गया; मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर का आईसीआर भी सुधरकर क्रमशः 8.3 और 2.7 पर आ गया.

एसकेटी/केआर