भारत के ऑफिस मार्केट ने 2025 की पहली तिमाही में तेज गति बनाए रखी

नई दिल्ली, 23 अप्रैल . भारत के ऑफिस रियल एस्टेट मार्केट ने 2025 की पहली तिमाही में अपनी तेजी की गति को बनाए रखते हुए लगातार सातवीं तिमाही में रिक्तियों में 15.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करवाई.

यह 2023 की दूसरी तिमाही में 18.45 प्रतिशत से 2025 की पहली तिमाही तक 275 आधार अंकों (बीपीएस) की संचयी गिरावट को दिखाता है. यह तेजी मजबूत लीजिंग और नई सप्लाई में कमी की वजह से देखी गई.

कुशमैन एंड वेकफील्ड की 2025 क्वार्टर-1 ऑफिस मार्केट रिपोर्ट के अनुसार, भारत के टॉप आठ ऑफिस मार्केट में वर्ष की पहली तिमाही में सप्लाई बाधाओं और मजबूत ऑक्यूपायर डिमांड की वजह से रिक्तियों की दर घटकर 15.7 प्रतिशत रह गई. रिक्तियों में 2024 की चौथी तिमाही से 55 आधार अंकों (बीपीएस) की गिरावट दर्ज की गई.

2025 की पहली तिमाही में कुल नए ऑफिस निर्माण 10.7 मिलियन वर्ग फीट (एमएसएफ) रहे. इसमें बेंगलुरू ने 3.28 एमएसएफ, पुणे ने 3.21 एमएसएफ, दिल्ली-एनसीआर ने 2.71 एमएसएफ के साथ इस नई सप्लाई में संयुक्त रूप से 86 प्रतिशत (9.2 एमएसएफ) का योगदान दिया.

हैदराबाद में 1.32 एमएसएफ की सप्लाई देखी गई. जबकि, मुंबई में 0.18 एमएसएफ की सप्लाई दर्ज की गई. चेन्नई, कोलकाता और अहमदाबाद जैसे शहरों में कोई नई सप्लाई दर्ज नहीं की गई, जिसके परिणामस्वरूप इन बाजारों में रिक्तियों की दर कम रही और किराया अधिक रहा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बीच, पहली तिमाही में ऑफिस लीजिंग एक्टीविटी मजबूत रही और टॉप 8 बाजारों में ग्रॉस लीजिंग वॉल्यूम (जीएलवी) 20.3 एमएसएफ तक पहुंच गई, जो 5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि और प्रति तिमाही 20 एमएसएफ के दो साल के औसत के अनुरूप है.

फ्रेश लीजिंग ने एक्टिविटी का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा बनाया, यह ट्रेंड लगातार तीसरे महीने बना रहा और निरंतर ऑक्यूपायर विस्तार की ओर इशारा किया.

इंडिया, एसईए और एपीएसी टेनेंट रिप्रेजेंटेशन के मुख्य कार्यकारी अंशुल जैन ने कहा, “भारत के ऑफिस सेक्टर में गति 2025 की पहली तिमाही तक जारी रही है, जिसे बड़े सौदों के लगातार बंद होने और मजबूत फ्रेश लीजिंग एक्टिविटी का समर्थन मिला है.”

उन्होंने कहा कि भारत की स्थिति टेक के ग्लोबल हब, आरएंडडी और इनोवेशन को लेकर लगातार मजबूत होती जा रही है.

जैन ने कहा, “जीसीसी सेगमेंट का मजबूत प्रदर्शन, जो अब ग्रॉस लीजिंग में 30 प्रतिशत से अधिक का योगदान दे रहा है, इस विश्वास को रेखांकित करता है.”

एसकेटी/एबीएम