भारत का मैथ्स टैलेंट और शैक्षणिक-शोध संस्थान कुछ बड़ा करने में आएंगे काम : सत्य नडेला

नई दिल्ली, 9 जनवरी . हाल ही में भारत पहुंचे माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्य नडेला ने एआई में अग्रणी रिसर्च को लेकर अपनी बात रखी. नडेला ने कहा कि भारत को अपने मजबूत ‘मैथ टैलेंट बेस’ का फायदा एआई को लेकर उठाना चाहिए.

भारत को एआई रिसर्च पर निवेश करना चाहिए या नहीं, यह सवाल पूछे जाने पर नडेला ने देश की गणितीय प्रतिभा और शैक्षणिक कौशल की तारीफ की.

नडेला ने कहा, “भारत अग्रणी काम न करे, इसके लिए कोई भी एक वजह नजर नहीं आती. भारत को आगे आना चाहिए. मुझे नहीं लगता है कि एआई को लेकर आखिरी बड़ी सफलता कभी मिली हो. जैसा कि मैं हमेशा कहता हूं, हम एक बड़ी सफलता के लिए केवल एक गणितीय सफलता दूर हैं. हम कुछ अलग करेंगे. भारत के पास मैथ्स टैलेंट, शैक्षणिक संस्थान और शोध संस्थान हैं, जो अगला कुछ बड़ा करने में काम आएंगे.”

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने नडेला के साथ बातचीत में ‘फेक कंटेंट’ सहित एआई के जोखिमों के बारे में आगाह किया. वहीं, इनोवेशन और रेगुलेशन के बीच संतुलन बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “फिलहाल हम इनोवेशन के पक्षधर हैं और हमारे पास जो मौजूदा कानून और दिशा-निर्देश हैं, वे स्व-नियमन के बारे में अधिक हैं, जहां माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां भरोसे के आधार पर आती हैं. लेकिन, मैं आपको बता दूं कि अगर चुनौतियां बड़ी हो जाती हैं, तो सरकार नए कानून लाने में संकोच नहीं करेगी.”

इसके अलावा, सत्य नडेला ने देश में कई एआई पार्टनरशिप को लेकर भी घोषणा की, जिसमें 5 लाख लोगों को कौशल प्रदान करने के लिए सरकार के ‘भारत एआई मिशन’ के साथ एक समझौता ज्ञापन भी शामिल है.

एमओयू के तहत माइक्रोसॉफ्ट और ‘इंडिया एआई’ मिलकर 2026 तक छात्रों, शिक्षकों, डेवलपर्स, सरकारी अधिकारियों और महिला उद्यमियों सहित 5,00,000 व्यक्तियों को कौशल प्रदान करेंगे.

एसकेटी/एबीएम