Mumbai , 18 अगस्त . India के लॉजिस्टिक्स सेक्टर की वैल्यू 2030 तक 800 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है और यह देश की कुल जीडीपी में 11 प्रतिशत का योगदान देगा. यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई.
इस वृद्धि में बढ़त की वजह Governmentी पहल, तकनीक का एकीकरण, स्किल्ड वर्कफोर्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार होना है.
इंडिया नैरेटिव की रिपोर्ट के अनुसार, लॉजिस्टिक्स लागत में 1 प्रतिशत की कमी से भारतीय अर्थव्यवस्था को सालाना 15 अरब डॉलर की बचत हो सकती है. रणनीतिक निवेश, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन पॉलिसी और वर्कफोर्स डेवलपमेंट, लॉजिस्टिक्स सेक्टर में गति बनाए रखने वाले स्तंभ हैं.
रिपोर्ट में कहा गया कि आपूर्ति श्रृंखला के आधुनिकरण और एकीकरण के कारण यह सेक्टर 2027 तक India को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉसिली (एनएलपी), पीएम गतिशक्ति और टेक्नोलॉजी एकीकरण जैसी Governmentी पहलों के कारण यह क्षेत्र तेजी से संगठित, कुशल और प्रतिस्पर्धी बन रहा है.
एनएलपी ने वास्तविक समय में आपूर्ति श्रृंखला पर नजर रखने के लिए एकीकृत लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) और लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक (एलडीबी) जैसी तकनीक का उपयोग करके लॉजिस्टिक्स सिस्टम में सुधार किया है.
Prime Minister गतिशक्ति मास्टर प्लान ने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की योजना बनाने, तेज प्रोजेक्ट एप्रूवल और मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी के लिए 1,700 डेटा लेयर्स का उपयोग करके 57 मंत्रालयों और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ा है.
इसके अलावा, सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं के अनुरूप व्यापार दस्तावेजीकरण, डिजिटल फाइनेंस और आयात-निर्यात लेनदेन को केंद्रीकृत करने के लिए India ट्रेड नेट (बीटीएन) की शुरुआत की गई.
GST ने 2017 से अंतरराज्यीय चौकियों को समाप्त कर दिया है और कराधान को सुव्यवस्थित किया है. साथ ही ट्रांजिट टाइम को 33 प्रतिशत तक कम कर दिया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 22 मिलियन से अधिक लोग परिवहन, भंडारण, कोल्ड चेन और लास्ट-माइल कनेक्टिविटी में काम करते हैं और 2027 तक इस क्षेत्र में 10 मिलियन और लोगों को रोजगार मिलेगा.
लॉजिस्टिक्स पार्क, मल्टीमॉडल परिवहन गलियारे और डिजिटल प्लेटफॉर्म ने एसएमई और बड़े उद्यमों को वैश्विक स्तर पर विस्तार करने में सक्षम बनाया है.
वर्तमान में, लॉजिस्टिक्स India के सकल घरेलू उत्पाद में 13-14 प्रतिशत का योगदान देता है, जो वैश्विक औसत 8-9 प्रतिशत से काफी अधिक है.
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एबीएस/