नई दिल्ली, 22 जून . उद्योग विशेषज्ञों ने शनिवार को कहा कि मजबूत सरकारी नीतियों, बढ़ी हुई औद्योगिक पूंजी और बेहतरीन और उभरती प्रतिभाओं के कारण भारत का इनोवेशन इको सिस्टम तेजी से विकास के लिए तैयार है.
अगले 3 से 5 वर्षों में देश में कम से कम 152 यूनिकॉर्न होने की संभावना है. देश में यूनिकॉर्न की संख्या 2015 में चार से बढ़कर 2024 में 100 से अधिक हो गई, वहीं इस दौरान 1.25 लाख से अधिक स्टार्टअप थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार दोहराया है कि सरकार टियर -2 और 3 शहरों में स्टार्टअप्स को फलने-फूलने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.
पुणे स्थित ऊर्जा-तकनीक स्टार्टअप अरेंन्क (ARENQ) के प्रबंध निदेशक जितेंद्र पाटिल ने कहा, “देश में और अधिक यूनिकॉर्न तैयार करने के लिए, भारत को अनुसंधान और विकास, डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और स्टार्टअप्स के अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने के लिए अत्यधिक निवेश को प्राथमिकता देनी होगी.”
इसके अतिरिक्त, नौकरशाही प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और टैक्स प्रोत्साहन प्रदान करना स्टार्टअप्स उद्यमियों को और अधिक प्रोत्साहित कर सकता है.
पाटिल ने कहा, “भारतीय स्टार्टअप के लिए भविष्य उज्ज्वल है, और इसका सही समर्थन कर हम अभूतपूर्व अवसरों को तैयार कर सकते हैं और यूनिकॉर्न के फलने-फूलने के लिए एक समृद्ध इको सिस्टम बना सकते हैं.”
हर राज्य में जल्द ही बेहतरीन बिजनेस मॉडल और इनोवेशन के साथ कई स्टार्टअप्स और यूनिकॉर्न होंगे.
इनोव8 के संस्थापक और एक निवेशक रितेश मलिक के अनुसार, अगले पांच वर्षों में भारत का इको सिस्टम, व्यापार करने में आसानी, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया मिशन देश के साथ अर्थव्यवस्था को और तेजी से आगे बढ़ाएगा.
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