नई दिल्ली, 22 अक्टूबर . भारत का एंटरप्राइज इंफोर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) बाजार 2028 तक 350 अरब डॉलर से अधिक का हो जाएगा.
मंगलवार को आई एक नई रिपोर्ट के अनुसार, देश का आईसीटी बाजार 2023 में 161.3 अरब डॉलर से बढ़कर 2028 में 354.6 अरब डॉलर हो जाएगा, जो कि 17.1 प्रतिशत की मजबूत सीएजीआर से बढ़ेगा.
लीडिंग डेटा और एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबलडाटा का मानना है कि सरकार और व्यवसायों द्वारा शुरू की गई डिजिटल परिवर्तन पहलों के साथ भारत में आईसीटी बाजार को राजस्व के अवसर मिलेंगे.
आने वाले वर्षों में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट में हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और सर्विस को लेकर सबसे ज्यादा राजस्व वृद्धि देखे जाने की उम्मीद की जा रही है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी सर्विस सेक्टर में राजस्व वृद्धि मुख्य रूप से क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं को उद्यमों द्वारा अपनाए जाने से आएगी.
आईटी सर्विस सेक्टर के राजस्व में पूर्वानुमानित अवधि में 25.3 प्रतिशत की सीएजीआर की दर से वृद्धि होने की संभावना है.
राजस्व योगदान के मामले में भारत में आईसीटी बाजार के लिए बीएफएसआई क्षेत्र सबसे बड़ा वर्टिकल सेगमेंट होगा.
2023-2028 के लिए पूर्वानुमानित कुल संचयी राजस्व में इस सेगमेंट की हिस्सेदारी 11.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.
ग्लोबलडाटा के प्रदीप सुरेश कुलकर्णी ने कहा कि हाइब्रिड वर्क मॉडल को निरंतर अपनाना, एसएमई और स्टार्टअप द्वारा कार्यभार को क्लाउड पर माइग्रेट करना और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी सरकारी पहल देश में क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं को बढ़ावा दे रही हैं.
कुलकर्णी ने कहा, “एडब्लयूएस और गूगल द्वारा स्थापित स्थानीय डेटा केंद्र भी भारत में उद्यमों को क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में माइग्रेट करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.”
ग्लोबलडाटा के सर्वे से पता चला है कि 87.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं (जो अपने-अपने उद्यमों में प्रमुख आईसीटी निर्णय निर्माता हैं) ने माना है कि पिछले वर्ष की तुलना में 2024 में उनके एंटरप्राइज आईसीटी बजट में वृद्धि हुई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले वर्षों में भारत के आईसीटी बाजार में तेजी की उम्मीद है, जिसे कर प्रोत्साहन और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार जैसी सरकारी नीतियों का साथ मिलेगा.
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एसकेटी/केआर