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New Delhi, 27 नवंबर . India की लॉजिस्टिक लागत जीडीपी की 7.97 प्रतिशत हो गई है, जो कि पहले जीडीपी की 13 से 14 प्रतिशत थी. यह जानकारी डीपीआईआईटी और नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च के असिसमेंट के हवाले से Governmentी की ओर से Thursday को दी गई.
इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है, क्योंकि Government देश में लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए लगातार कदम उठा रही है और इससे देश में व्यापार में आसानी को बढ़ावा मिलेगा.
आधिकारिक बयान में कहा गया कि पीएम गतिशक्ति पब्लिक/ऑफशोर, स्माईल, लीप्स 2025, लीड्स 2025, आईपीआरएस 3.0, एलडीबी 2.0 और ग्रीन कॉरिडोर से India के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है. इससे उद्योगों के लिए लागत कम होगी और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी.
केंद्र Government की ओर से शुरू किए गए मल्टीमॉडल और एकीकृत लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम (स्माईल) कार्यक्रम का उद्देश्य India के लॉजिस्टिक्स ढांचे में सुधार, लागत को कम करना और दक्षता बढ़ाना है. यह मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स को मजबूत करके, वेयरहाउसिंग को मानकीकृत करके और व्यापार लॉजिस्टिक्स में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति और पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के कार्यान्वयन का समर्थन करता है.
इसे आठ राज्यों के आठ शहरों में मौजूदा लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर, क्षमता सुधार और लागत को कम करने के लिए पायलट आधार पर लॉन्च किया गया है.
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) से ट्रेन वैगन का टर्नअराउंड टाइम 15-16 दिनों से कम होकर 2-3 दिन हो गया है. इससे ट्रांजिट समय 60 घंटे से घटकर 35-38 घंटों का रह गया है. इसके फ्रेट ऑपरेशंस को प्रयागराज से मैनेज किया जाता है.
गंगा वाटरवे को फिर से शुरू करने और इसे ईडीएफसी से वाराणासी में जोड़ने से मैन्युफैक्चरर्स को कार्गो को हल्दिया पोर्ट्स से कुशलतापूर्वक जोड़ने में मदद मिलेगी.
पिछले साल पानी के जरिए रिकॉर्ड 145.84 मिलियन टन कार्गो का ट्रांसपोर्टेशन किया गया है, जबकि रेल मार्गों पर भीड़ को कम करने के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का उपयोग किया जा रहा है.
यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म और लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक (एलडीबी)2.0 के लिए रियल-टाइम में लाखों कंटेनर्स को मैनेज किया जा रहा है.
इसके अलावा, वेब आधारित प्लेटफॉर्म पीएम गतिशक्ति पब्लिक की ओर से 230 गैर-संवेदनशील डेटाबेस प्राइवेट कंपनियों, रिसर्चर्स, नागरिकों आदि को उपलब्धि कराया जा रहा है.
ये सभी Governmentी पहल मिलकर देश की लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने का काम कर रही हैं.
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एबीएस/