सौर ऊर्जा उत्‍पादन में भारत की वृद्धि एक स्पष्ट दृष्टिकोण का परिणाम : पीएम मोदी

नई दिल्ली, 5 सितंबर . नई दिल्ली में गुरुवार से दो दिवसीय अंतरराष्‍ट्रीय सौर महोत्सव 2024 का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन अंतरराष्‍ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) द्वारा किया जा रहा है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य साझेदारी को बढ़ावा देकर, फंड की व्‍यवस्‍था कर और अत्याधुनिक तकनीक को लागू कर वैश्विक सौर ऊर्जा के उत्‍पादन में में तेजी लाना है. इसका उद्घाटन केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी की अध्यक्षता में क‍िया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शाम‍िल लोगों को संबोधित किया.

पी

एम मोदी ने कहा, “सौर ऊर्जा उत्‍पादन में भारत की वृद्धि एक स्पष्ट दृष्टिकोण का परिणाम है. चाहे भारत हो या दुनिया, सौर ऊर्जा को अपनाने का मंत्र जागरूकता, उपलब्धता और सामर्थ्य है. हम घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित कर स्थायी ऊर्जा स्रोतों की आवश्यकता के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं. पीएम ने कहा, विशिष्ट योजनाओं और प्रोत्साहनों के माध्यम से, हमने सौर ऊर्जा विकल्प को सस्ता बनाया है. सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए विचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के लिए आईएसए एक आदर्श मंच है. भारत के पास भी साझा करने के लिए बहुत कुछ है. कुछ महीने पहले, हमने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना शुरू की. हम इस योजना में 750 अरब रुपये का निवेश कर रहे हैं. हमारा लक्ष्य एक करोड़ परिवारों को अपने छत पर सौर पैनल लगाने में मदद करना है.”

पीएम मोदी ने कहा, ” आईएसए 2015 में एक छोटे पौधे के रूप में शुरू हुआ था. यह आशा और आकांक्षा का क्षण था. आज, यह नीति और कार्रवाई को प्रेरित करने वाले एक विशाल वृक्ष के रूप में विकसित हो रहा है. इतने कम समय में, आईएसए की सदस्यता 100 देशों के मील के पत्थर तक पहुंच गई थी. इसके अतिरिक्त, 19 और देश पूर्ण सदस्यता प्राप्त करने के लिए रूपरेखा समझौते की पुष्टि कर रहे हैं. इस संगठन का विकास एक विश्व, एक सूर्य के दृष्टिकोण के लिए महत्वपूर्ण है. पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने हरित ऊर्जा में कई बड़े कदम उठाए हैं. हम नवीकरणीय ऊर्जा में पेरिस प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने वाले पहले जी 20 राष्ट्र थे. सौर ऊर्जा की उल्लेखनीय वृद्धि इसे संभव बनाने का मुख्य कारण है. पिछले 10 वर्षों में हमारी सौर ऊर्जा क्षमता 32 गुना बढ़ गई है. यह गति और पैमाना हमें 2030 तक 500 गीगा वाट गैर-जीवाश्म क्षमता प्राप्त करने में भी मदद करेगा.”

उन्होंने कहा, “मैं आप सभी का प्रथम अंतरराष्ट्रीय सौर महोत्सव में स्वागत करते हुए प्रसन्न हूं. मैं इस अद्भुत पहल के लिए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को बधाई देता हूं. वेद हजारों वर्ष पहले रचित ग्रंथ थे. वेदों के सबसे लोकप्रिय मंत्रों में से एक सूर्य के बारे में है. आज भी, लाखों भारतीय प्रतिदिन इसका जाप करते हैं, दुनिया भर में कई संस्कृतियों ने अपने-अपने तरीके से सूर्य का सम्मान किया है. अधिकांश क्षेत्रों में सूर्य से संबंधित त्यौहार भी होते हैं. यह अंतरराष्‍ट्रीय सौर महोत्सव पूरी दुनिया को सूर्य के प्रभाव का जश्न मनाने के लिए एक साथ लाता है. यह एक ऐसा त्यौहार है, जो हमें एक बेहतर ग्रह बनाने में मदद करेगा.”

आरके/