इंडियाज गॉट लेटेंट : समय रैना को नया समन जारी, पेश होने का आदेश

मुंबई, 17 मार्च . ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो में अश्लील टिप्पणी को लेकर विवादों में फंसे समय रैना को सोमवार को महाराष्ट्र साइबर सेल ने नया समन जारी किया. सेल ने रैना को पूछताछ के लिए 19 मार्च को पेश होने का आदेश दिया है.

महाराष्ट्र साइबर की तरफ से समय रैना को सोमवार को अपना बयान दर्ज करवाने के लिए समन भेजा गया था, मगर समय रैना उपस्थित नहीं हुए. मामले में महाराष्ट्र साइबर सेल ने समय रैना को नया समन भेजा और अपना बयान दर्ज करवाने के लिए 19 मार्च को बुलाया है. इससे पहले साइबर सेल ने समय रैना को समन भेजकर 18 फरवरी को हाजिर होने के लिए कहा था, लेकिन समय रैना उनके सामने पेश नहीं हुए, जिसके बाद समय रैना को एक और समन भेजा गया था.

बता दें कि ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो में यूट्यूबर-पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया की अश्लील टिप्पणी के बाद समय रैना ने शो के सभी एपिसोड यूट्यूब से हटा दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने पॉडकास्टर और उसके सहयोगियों को अगले नोटिस तक यूट्यूब या अन्य प्लेटफॉर्म पर कोई भी शो प्रसारित करने से मना कर दिया है.

इस बीच, रणवीर ने सोशल मीडिया पर दो बार माफी मांग ली है. अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर फंसे यूट्यूबर-पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया 7 मार्च को गुवाहाटी में असम पुलिस के सामने पेश हुए. ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ मामले को लेकर गुवाहाटी क्राइम ब्रांच ने पिछले सप्ताह एक अन्य यूट्यूबर आशीष चंचलानी से पूछताछ की थी. यूट्यूबर क्राइम ब्रांच कार्यालय पहुंचे थे, जहां उनसे काफी देर तक पूछताछ हुई.

गुवाहाटी के संयुक्त पुलिस आयुक्त अंकुर जैन ने मीडिया को बताया था, “यूट्यूबर आशीष चंचलानी पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच में आए थे. उन्होंने पूछताछ में सहयोग किया है. यदि आवश्यक हुआ तो हम उन्हें फोन करेंगे, फिलहाल हम उन्हें दोबारा नहीं बुला रहे हैं. हमें जांच से जुड़े अन्य लोगों से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. उन्हें जल्द ही नए समन भेजे जाएंगे.”

सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया को इस शर्त पर अपने पॉडकास्ट को फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है कि वह “शालीनता और नैतिकता के मानकों” को बनाए रखेंगे. अदालत ने स्पष्ट किया कि इलाहाबादिया के शो में उन कार्यवाहियों पर टिप्पणी नहीं होनी चाहिए जो न्यायालय में विचाराधीन हैं.

इससे पहले 18 फरवरी को अदालत ने इलाहाबादिया की गिरफ्तारी पर इस शर्त के साथ रोक लगा दी थी कि वह जांच अधिकारियों द्वारा बुलाए जाने पर जांच में शामिल होंगे.

एमटी/जीकेटी