नई दिल्ली, 23 मई . भारत की जीडीपी विकास दर वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वृद्धि दर के उच्च स्तर पर रहने की वजह कृषि, होटल, ट्रांसपोर्ट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर का मजबूत रहना है.
केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट में बताया गया कि अधिक ग्रामीण मांग के कारण कुल खपत मजबूत रही है. हालांकि, शहरी मांग का आउटलुक मिश्रित बना हुआ है और इसे मॉनिटर किया जाना चाहिए.
रिपोर्ट में कहा गया, “केंद्र सरकार की ओर से अधिक पूंजीगत खर्च के कारण चौथी तिमाही में इंवेस्टमेंट ग्रोथ को सहारा मिला है.”
रिपोर्ट के मुताबिक,”आय में कमी, रेपो रेट में गिरावट, महंगाई दर के कम होने और अच्छे मानूसन की संभावना से ग्रामीण मांग में रिकवरी आ रही और आर्थिक गतिविधियों में सुधार हो रहा है.”
रिपोर्ट में बताया गया कि कॉर्पोरेट पूंजीगत व्यय में वृद्धि के लिए खपत में निरंतर सुधार महत्वपूर्ण होगा. हालांकि, वैश्विक अनिश्चितताएं बाधा उत्पन्न करती हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि हमें वित्त वर्ष 26 में जीडीपी वृद्धि 6.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. कृषि गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं, रबी में खाद्यान्न की बुवाई पिछले साल के स्तर से 2 प्रतिशत अधिक रही है. वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में घरेलू ट्रैक्टर की बिक्री में 23.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो तीसरी तिमाही में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि से बेहतर है.
इसके अतिरिक्त जनवरी-फरवरी 2025 में उर्वरक की बिक्री में 5.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि से अधिक है.
घरेलू हवाई यात्री यातायात में वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो कि तीसरी तिमाही में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि से अधिक है.
आईआईपी खनन में वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो कि तीसरी तिमाही में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि से अधिक है.
रिपोर्ट में बताया गया,”हालांकि जनवरी-फरवरी 2025 में केंद्रीय पूंजीगत व्यय में 4 प्रतिशत की कमी आई है, लेकिन वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के अंत में मजबूत खर्च से चौथी तिमाही में निर्माण गतिविधि को समर्थन मिलने की उम्मीद है.”
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एबीएस/