नई दिल्ली, 27 जून . भारत की जीडीपी विकास दर वित्त वर्ष 2024-25 में 7 प्रतिशत से अधिक रह सकती है. नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की इकोनॉमिक रिव्यू में यह जानकारी दी गई है.
एनसीएईआर ने कहा कि हाई फ्रीक्वेंसी डेटा इस ओर इशारा कर रहे हैं कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत तक रह सकती है.
अपने जून माह के रिव्यू में रिसर्च एजेंसी ने कहा कि पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियों, निवेश फोकस्ड नीति और बड़े स्तर पर स्थिरता और सामान्य मानसून के कारण यह आउटलुक जारी किया गया है.
इस महीने की शुरुआत में मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया था.
एसीएईआर के डायरेक्टर जनरल पूनम गुप्ता का कहना है कि आउटलुक पहली तिमाही में हुई आर्थिक गतिविधि, सरकारी नीतियों में भी फोकस निवेश एवं ग्रोथ, माइक्रोइकोनॉमिक में भी स्थिरता और साथ ही सामान्य मानसून के अनुमान के आधार पर है.
रिपोर्ट में बताया गया कि हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स में आईआईपी अप्रैल 2024 में बढ़ा है. बैंक क्रेडिट ग्रोथ 20 प्रतिशत के ऊपर है. सामान्य से अच्छा मानसून का अनुमान है. इसके अलावा मई में सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग की पीएमआई में इजाफा हुआ है.
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एबीएस/