चेन्नई, 23 फरवरी . सरकारी स्वामित्व वाले बंधक ऋणदाता बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने शुक्रवार को औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों में धीमी वृद्धि के कारण वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.4 प्रतिशत होने की भविष्यवाणी की है.
अर्थशास्त्री जाह्नवी प्रभाकर ने एक रिपोर्ट में कहा,“ वित्तीय वर्ष 24 की तीसरी तिमाही के लिए कृषि और उद्योग क्षेत्र में धीमी वृद्धि के कारण दूसरी तिमाही में हुई 7.6 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले अर्थव्यवस्था 6.4 प्रतिशत की धीमी गति से बढ़ने का अनुमान है. सेवा क्षेत्र में वृद्धि की उम्मीद है.”
प्रभाकर के अनुसार, तीसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि हालांकि दूसरी तिमाही की तुलना में थोड़ी धीमी है, यह सभी क्षेत्रों में असमान है और उनमें से कुछ ने दूसरों की तुलना में बेहतर वृद्धि दर्ज की है.
पूरे साल के लिए अनुमान 6.8 प्रतिशत है. प्रभाकर ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 के लिए विकास दर 6.75-6.8 प्रतिशत के समान स्तर पर रहेगी.
आईएमएफ के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष के लिए 6.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. अक्टूबर 23 में अपने पिछले पूर्वानुमान से अनुमान को 40 बीपीएस तक उन्नत किया गया है. वित्त वर्ष 24 और 25 के लिए, ‘घरेलू मांग में लचीलेपन’ के दम पर अर्थव्यवस्था में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है.
प्रभाकर ने कहा, “दूसरी ओर, विश्व बैंक को उम्मीद है कि मजबूत घरेलू मांग, मजबूत निजी क्षेत्र की ऋण वृद्धि के साथ-साथ बढ़ते बुनियादी ढांचे के खर्च के कारण वित्त वर्ष 2024 में अर्थव्यवस्था 6.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025 में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करेगी.”
इन पूर्वानुमानों के विपरीत, एनएसओ के अग्रिम अनुमान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था 7.3 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024 में देश की विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.
प्रभाकर ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 के लिए, भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने और वित्तीय बाजारों में अस्थिरता के कारण नकारात्मक जोखिम उभरने के साथ यह 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
हाल ही में क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने कहा कि भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 6 फीसदी की दर से बढ़ेगी, जो वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 7.6 फीसद थी.
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