भारत की विदेश नीति सही दिशा में आगे बढ़ रही, बुद्ध की धरती से युद्ध का संदेश कभी नहीं गया : मुख्तार अब्बास नकवी

New Delhi, 23 जून . भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के ईरान के समर्थन में लिखे गए लेख पर कहा कि बुद्ध की धरती से युद्ध का संदेश कभी नहीं गया है. उन्‍होंने Monday को कहा कि Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में India की विदेश नीति सही दिशा में आगे बढ़ रही है.

भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, “वैश्विक संकट और उथल-पुथल के इस समय में भी Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में India की विदेश नीति सही दिशा में आगे बढ़ रही है. Prime Minister Narendra Modi और उनकी Government ने बार-बार कहा है कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है, वास्तव में युद्ध स्वयं एक समस्या बन जाता है. बुद्ध की धरती से युद्ध का संदेश कभी नहीं गया है, India के हित और सुरक्षा सर्वोपरि है. राष्ट्रीय सुरक्षा हमेशा India के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और इस दिशा में India की विदेश नीति निस्संदेह सही और रचनात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है.”

उन्‍होंने इस बात पर अफसोस जताया है कि कुछ लोग इस पर ‘बयानबाजी और लेखबाजी’ कर रहे हैं. देश इस तरह से “हड़बड़ी में गड़बड़ी” से नहीं चलता है. उन्‍होंने दोहराया कि देश मजबूती के साथ कूटनीतिक माध्‍यम से आगे बढ़ रहा है.

Pakistan ने ईरान पर अमेरिकी हमले की निंदा की. इस पर नकवी ने कहा, “Pakistan एक ऐसा देश बन गया है, जहां न तो कोई स्पष्ट नीति बची है, न ही कोई सुसंगत सोच. जो देश आतंकवाद का केंद्र और उद्योग बन गया है, ऐसे देश से तर्कसंगत सोच की उम्मीद कैसे की जा सकती है? उसकी मानसिकता ही आतंकवाद से भरी हुई है. पाकिस्‍तान की सोच में आतंकवाद और विघटन भरा हुआ है. India ने इस बात को महसूस किया है और दुनिया को बताता रहा है कि पाकिस्‍तान आतंक की फैक्ट्री बनी है, जो दुनिया के लिए चुनौती है. “

आपातकाल की 50वीं बरसी को भाजपा काला दिवस के रूप में मनाती है. इसे लेकर विपक्ष कई तरह के सवाल खड़े करने लगा है. इस पर भाजपा नेता ने कहा, “स्वतंत्रता कांग्रेस की ओर से दिया गया उपकार नहीं था, यह क्रांतिकारियों के बलिदान का परिणाम था. सदियों से हमारे राष्ट्रीय नायकों ने स्वतंत्रता प्राप्त करने और इस देश में लोकतंत्र स्थापित करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. लेकिन वह लोकतंत्र दो दशक भी नहीं चला, बमुश्किल एक दशक पहले ही कांग्रेस पार्टी ने इसका गला घोंटने और इसके खिलाफ ‘हत्या का प्रयास’ करने का प्रयास किया. यह निस्संदेह कांग्रेस का अहंकार और अलोकतांत्रिक व्यवहार था, और हर पीढ़ी को इसे याद रखना चाहिए और इसे याद रखना चाहिए.”

एएसएच/केआर