मुंबई, 10 जनवरी . भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3 जनवरी को समाप्त हुए हफ्ते में 5.7 अरब डॉलर गिरकर 634.59 अरब डॉलर हो गया है. यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए डेटा से मिली.
हालांकि, इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख हिस्सा गोल्ड रिजर्व 824 मिलियन डॉलर बढ़कर 67.1 अरब डॉलर हो गया है.
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नवंबर 2024 में और आठ टन सोना खरीदा है. दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने सामूहिक रूप से नवंबर महीने के दौरान 53 टन गोल्ड खरीदा है.
आरबीआई ने दूसरे केंद्रीय बैंकों की तरह, सुरक्षित संपत्ति के रूप में गोल्ड की खरीदारी कर रहा है.
गोल्ड रखने की रणनीति भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न अनिश्चितता के समय में मुख्य रूप से मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव और विदेशी मुद्रा जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से है.
नवंबर में अपने भंडार में आठ टन सोना जोड़ने के साथ आरबीआई ने 2024 के पहले 11 महीनों में अपनी खरीद को बढ़ाकर 73 टन और अपने कुल सोने के भंडार को 876 टन कर दिया है. इसके साथ आरबीआई ने पोलैंड के बाद वर्ष के दौरान दूसरा सबसे बड़ा खरीदार होने का अपना स्थान बनाए रखा है.
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा, “विदेशी बाजार में मजबूत अमेरिकी डॉलर के बावजूद, कमजोर तिमाही में अब तक सोना 1.3 प्रतिशत और चांदी 3 प्रतिशत से अधिक चढ़ी है. 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप द्वारा राष्ट्रपति पद संभालने पहले सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी से सर्राफा बाजार को सहारा मिला है और दुनिया का ध्यान आने वाले समय में नए राष्ट्रपति की नीतियों पर होगा.”
आरबीआई के द्वारा विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग रुपये में स्थिरता लाने के लिए किया जाता है. जब भी डॉलर के मुकाबले रुपये पर दबाव देखने को मिलता है तो आरबीआई मार्केट में डॉलर बेचकर रुपये की स्थिति मजबूत करता है.
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