Mumbai , 22 अगस्त . भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 15 अगस्त को समाप्त हुए हफ्ते में 1.49 अरब डॉलर बढ़कर 695.11 अरब डॉलर हो गया है. यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से Friday को दी गई.
इससे पहले 8 अगस्त को समाप्त हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.75 अरब डॉलर बढ़कर 693.62 अरब डॉलर हो गया है, जो दिखाता है कि देश की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हुई है.
विदेशी मुद्रा भंडार आरबीआई को रुपए को तेजी से गिरने से रोकने और उसकी अस्थिरता को कम करने के लिए ज्यादा डॉलर जारी करके हाजिर और अग्रिम मुद्रा बाजारों में हस्तक्षेप करने में सक्षम बनाता है.
आरबीआई के डेटा के अनुसार, समीक्षा अवधि में विदेशी मुद्रा के अहम घटक विदेशी मुद्रा आस्तियों की वैल्यू 1.92 अरब डॉलर बढ़कर 585.9 अरब डॉलर हो गई है.
विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों के मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव डॉलर के रूप में शामिल होता है.
विदेशी मुद्रा भंडार के एक और अहम घटक गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 85.67 अरब डॉलर रही है. भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न अनिश्चितता के बीच, दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सुरक्षित निवेश के रूप में गोल्ड के रिजर्व को तेजी से बढ़ा रहे हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने के शेयर को 2021 से लगभग दोगुना कर लिया है.
15 अगस्त को समाप्त हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में विशेष आहरण अधिकार की वैल्यू 18.78 अरब डॉलर थी.
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 11 महीने से ज्यादा के माल आयात और लगभग 96 प्रतिशत बकाया विदेशी ऋण के लिए पर्याप्त है.
इस Thursday को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल जुलाई में भारत का व्यापारिक निर्यात 7.29 प्रतिशत बढ़कर 37.24 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी महीने यह आंकड़ा 34.71 अरब डॉलर था. यह बाह्य क्षेत्र की मजबूती को दर्शाता है.
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, “अनिश्चित वैश्विक नीतिगत माहौल के बावजूद, जुलाई और वित्त वर्ष 2026 में भारत के सेवा और व्यापारिक निर्यात में अब तक मजबूत वृद्धि हुई है और यह वैश्विक निर्यात वृद्धि से कहीं अधिक है.”
–
एबीएस/