पेरिस , 26 जुलाई . भारत ने टोक्यो ओलंपिक में सात मेडल जीते थे. ये ओलंपिक इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था लेकिन अब देश की नजर इन आंकड़ों को और बेहतर करने पर है. सबसे बड़ा मिशन भारतीय खिलाड़ियों के लिए मेडल टैली में दोहरे अंक में पहुंचना और एक से अधिक गोल्ड मेडल जीतना है, क्योंकि ये दोनों ही रिकॉर्ड देश के लिए ऐतिहासिक होंगे.
भारत ने एक से अधिक गोल्ड मेडल एक ओलंपिक में कभी नहीं जीते हैं, पहली बार यह कारनामा करने का अवसर है. 117 सदस्यों के दल में कई ऐसे ‘सूरमा’ हैं, जो इस सपने को पूरा कर सकते हैं.
पेरिस ओलंपिक को लेकर प्रशंसकों का उत्साह चरम पर है. भारतीय दल में अनुभव और युवा जोश का अच्छा मिश्रण है, जो बड़े-बड़े दिग्गजों को पछाड़ने का माद्दा रखते हैं. इस बार देशवासियों की उम्मीदें अपने खिलाड़ियों से बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है.
हर एक भारतीय पेरिस में तिरंगा लहराता हुआ देखना चाहता है. नए जोश, जज्बे और जुनून के साथ 140 करोड़ भारतीयों की दुआ खिलाड़ियों के साथ है. जैवलिन थ्रो, शूटिंग, बैडमिंटन, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग, रेसलिंग और हॉकी जैसे खेलों में भारत की तैयारी काफी मजबूत नजर आ रही है. अगर यह सभी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल होते हैं, तो भारत मेडल टैली में बड़ा उलटफेर कर सकता है.
भारत ने ओलंपिक में कुल 35 पदक जीते हैं. इनमें 10 गोल्ड, 9 सिल्वर और 16 ब्रॉन्ज पदक शामिल हैं. टोक्यो में भारत ने सात पदक जीतकर अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा दर्ज किया. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत की मेडल टैली दोहरे अंक तक पहुंच पाएगी?
भारत का दोहरे अंक पर फोकस केवल मेडल टैली पर ही नहीं, बल्कि भारत की नजर पहली बार एक ओलंपिक में दो गोल्ड जीतने पर होगी. साथ ही यहां मजबूत प्रदर्शन से भारत को अपने 2036 ओलंपिक मेजबानी सपने को पूरा करने में भी मदद मिल सकती है.
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एएमजे/आरआर