भारत की फ्लेक्सी स्टाफिंग इंडस्ट्री वित्त वर्ष 2025 में 9.7 प्रतिशत बढ़ी, 1.39 लाख नई नौकरियां जुड़ी : रिपोर्ट

New Delhi, 15 जुलाई . भारत के फ्लेक्सी स्टाफिंग सेक्टर ने वित्त वर्ष 2025 में सालाना आधार पर 9.7 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की है. यह जानकारी Tuesday को जारी एक नई रिपोर्ट में दी गई.

आईएसएफ द्वारा जारी लेटेस्ट वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि वैश्विक अनिश्चितताओं, व्यापार युद्धों और पिछली तिमाही में भर्ती के सतर्क माहौल के बावजूद, इस सेक्टर ने वित्त वर्ष में 1.39 लाख नए फॉर्मर फ्लेक्सी वर्कर्स जोड़े, जिससे इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन (आईएसएफ) के सदस्यों द्वारा नियोजित कुल वर्कफोर्स मार्च 2025 तक 18 लाख हो गया.

रिपोर्ट दर्शाती है कि जनरल फ्लेक्सी स्टाफिंग सेगमेंट में वर्ष के दौरान शुद्ध नए रोजगार में 9.8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि देखी गई, जबकि सीजनल स्लोडाउन और वैश्विक प्रतिकूलताओं के कारण चौथी तिमाही में 2.6 प्रतिशत की गिरावट आई थी.

एफएमसीजी, रिटेल, ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और एनर्जी जैसे प्रमुख सेक्टर ने इस वार्षिक वृद्धि में प्रमुख योगदान दिया.

आईएसएफ के अध्यक्ष लोहित भाटिया ने कहा कि वैश्विक घटनाओं और भारत की बैंकिंग प्रणाली में बदलावों के कारण उत्पन्न आर्थिक दबावों के बावजूद खासकर नए और पहली बार नौकरी चाहने वालों के लिए स्टाफिंग इंडस्ट्री ने फॉर्मल जॉब्स के अवसर पैदा करना जारी रखा है.

उन्होंने कहा कि स्ट्रक्चर्ड रोजगार विकल्प प्रदान करते हुए दक्षता बनाए रखने के लिए कंपनियों के लिए स्टाफिंग एक महत्वपूर्ण उपकरण बना हुआ है.

कोरोना महामारी के बाद के चुनौतीपूर्ण तीन वर्षों के बाद आईटी स्टाफिंग सेक्टर में भी सुधार के संकेत दिखाई दिए.

इस सेक्टर ने सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत की वृद्धि और अकेले चौथी तिमाही में 2.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.

आईएसएफ के उपाध्यक्ष मनमीत सिंह ने बताया कि इस वृद्धि को वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) की बढ़ती मांग और सेवा क्षेत्रों में बढ़ती परियोजना गतिविधियों का समर्थन प्राप्त है.

ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स, एफएमसीजी और मैन्युफैक्चरिंग जैसे उद्योगों ने भी इस वृद्धि में योगदान दिया.

सिंह ने आगे कहा कि अलग-अलग सेक्टर में डिजिटल परिवर्तन, साइबर सुरक्षा पर बढ़ता ध्यान और एआई जैसी उभरती तकनीकों को अपनाने में वृद्धि ने आईटी स्टाफिंग में सकारात्मक गति को बढ़ावा देने में मदद की.

वित्त वर्ष के अंत में बजट उपयोग और परियोजनाओं के बंद होने से तकनीकी पेशेवरों की मांग में वृद्धि हुई.

आईएसएफ की कार्यकारी निदेशक सुचिता दत्ता ने इस बात पर जोर दिया कि फेडरेशन और इसके मेंबर कठिन आर्थिक दौर में भी औपचारिक रोजगार बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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