पश्चिम एशिया में बदलती भू-राजनीतिक स्थिति पर भारत की नजर, वैकल्पिक मार्गों से आपूर्ति जारी

New Delhi, 22 जून . पश्चिम एशिया में चल रहे भू-Political तनाव पर Government लगातार नजर बनाए हुए है. केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने Sunday को बताया कि India पिछले दो सप्ताह से इस उभरती स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है.

हरदीप सिंह पुरी ने यह भी स्पष्ट किया कि India की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के पास कई सप्ताह की आपूर्ति का भंडार पहले से ही मौजूद है.

उन्होंने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि India पिछले दो सप्ताह से इस उभरती स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है. Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में बीते कुछ वर्षों में India ने अपनी ऊर्जा आपूर्ति को विविध बनाया है और अब हमारी आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर नहीं आता. उन्होंने आश्वस्त किया कि India की तेल विपणन कंपनियों के पास कई सप्ताह की आपूर्ति का भंडार पहले से ही मौजूद है और उन्हें विभिन्न वैकल्पिक मार्गों से लगातार ऊर्जा की आपूर्ति मिल रही है.

Union Minister ने कहा कि Government अपने नागरिकों को ईंधन की आपूर्ति में किसी तरह की अस्थिरता न आने देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को तैयार है.

उल्लेखनीय है कि मध्य पूर्व में व्यापक संघर्ष का सऊदी अरब, इराक, कुवैत और यूएई से तेल आपूर्ति पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे तेल की कीमतों में तेज उछाल आएगा. शिपिंग भी प्रभावित हो सकती है क्योंकि यमन के हूती विद्रोहियों ने पहले ही चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका ने ईरान पर हमला किया तो वे जहाजों पर अपने हमले फिर से शुरू कर देंगे.

India अपनी कच्चे तेल की आवश्यकता का लगभग 85 प्रतिशत आयात करता है, और तेल की कीमतों में उछाल से उसके तेल आयात बिल में वृद्धि होती है और मुद्रास्फीति की दर बढ़ जाती है, जो आर्थिक विकास को नुकसान पहुंचाती है. विदेशी मुद्रा के बड़े व्यय से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता है.

हालांकि, India ने रूस के साथ-साथ अमेरिका से आयात बढ़ाकर और रणनीतिक भंडार के माध्यम से अपने तेल आयात बास्केट में विविधता और मजबूती हासिल की है. तेल एवं गैस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए पुरी ने पहले कहा था कि देश में अब 23 आधुनिक परिचालन रिफाइनरियां हैं, जिनकी कुल क्षमता 25.7 करोड़ टन प्रति वर्ष है.

पीएसके/एकेजे