New Delhi, 18 जुलाई . पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने Friday को कहा कि भारत की ऊर्जा कूटनीति न केवल देश के भविष्य को सुरक्षित कर रही है, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजारों को स्थिर करने में भी मदद कर रही है.
Union Minister ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि भारत ने अपने तेल आयात स्रोतों का विस्तार 27 देशों से बढ़ाकर 40 देशों तक कर दिया है और देश की स्मार्ट ऊर्जा कूटनीति ने वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों को 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने से रोकने में मदद की है, जिसमें रूस से खरीद भी शामिल है.
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दशक में भारत ने वैश्विक तेल मांग वृद्धि में 16 प्रतिशत का योगदान दिया है.
Union Minister ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, भारत अगले 20 वर्षों में वैश्विक ऊर्जा मांग वृद्धि में 25 प्रतिशत का योगदान देगा.
पुरी ने कहा कि रूस 9 मिलियन बैरल प्रतिदिन से अधिक के साथ सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादकों में से एक है, जो लगभग 97 मिलियन बैरल की वैश्विक तेल आपूर्ति का लगभग 10 प्रतिशत है.
अगर यह तेल बाजार से गायब हो जाता और आपूर्ति कम हो जाती तो कीमतें 130 डॉलर प्रति बैरल से भी ऊपर निकल जाती.
Union Minister ने कहा, “Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में भारत वैश्विक ऊर्जा मूल्य स्थिरता में शुद्ध सकारात्मक योगदानकर्ता रहा है, साथ ही हमने ऊर्जा उपलब्धता, सामर्थ्य और स्थिरता की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है.”
Union Minister ने कहा किरूसी तेल पर कभी वैश्विक प्रतिबंध नहीं लगे. दुनिया भर के समझदार निर्णयकर्ता वैश्विक तेल आपूर्ति श्रृंखलाओं की वास्तविकताओं से वाकिफ थे और यह भी कि भारत जहां से भी संभव हो, एक निश्चित मूल्य सीमा के तहत रियायती तेल खरीदकर वैश्विक बाजारों की मदद कर रहा था.
पुरी ने Thursday को कहा था कि भारत ने वैश्विक बाजार में तेल खरीदने के अपने स्रोतों में विविधता ला दी है, इसलिए सरकार रूस के तेल निर्यात पर अमेरिका की किसी भी कार्रवाई को लेकर अनावश्यक रूप से चिंतित नहीं है.
ऊर्जा वार्ता 2025 में बोलते हुए, Union Minister ने कहा, “बाजार में प्रचुर मात्रा में तेल उपलब्ध है. ईरान और वेनेज़ुएला पर वर्तमान में प्रतिबंध लगे हुए हैं. लेकिन क्या वे हमेशा के लिए प्रतिबंधों के अधीन रहेंगे? ब्राजील, कनाडा और अन्य कई देश उत्पादन बढ़ा रहे हैं. मैं अभी आपूर्ति को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हूं. हमने अपने स्रोतों में विविधता ला दी है.
Union Minister का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस घोषणा के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाए जाएंगे.
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एबीएस/