New Delhi, 2 अक्टूबर . India की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-सितंबर अवधि में मजबूत रही है. इसकी वजह खपत, निवेश और Governmentी खर्च का बढ़ना है. यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में दी गई.
Government की ओर से कहा गया कि समीक्षा अवधि में खाद्य उत्पादों की कीमतें एक सीमित दायरे में रही हैं. GST सुधार, एक्सटर्नल सेक्टर का प्रदर्शन संतुलित रहा. साथ ही, स्थिर तरलता और अच्छे वित्तीय बाजार से मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता बनी हुई है.
Government की ओर से यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अगस्त की मौद्रिक नीति को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है.
केंद्रीय बैंक वित्त वर्ष 2025-26 के लिए India की जीडीपी वृद्धि अनुमान को संशोधित करके 6.8 प्रतिशत कर दिया है, जो कि पहले 6.5 प्रतिशत था.
आधिकारिक बयान में कहा गया, “मजबूत उपभोग, निवेश और Governmentी खर्च के कारण घरेलू अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और अच्छे मानसून, GST 2.0, बेहतर क्रेडिट फ्लो और बढ़ती क्षमता उपयोग जैसे सहायक कारक सकारात्मक दृष्टिकोण को बनाए रख रहे हैं.”
India की रियल जीडीपी वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी है, जो कि पिछली तिमाही में 7.4 प्रतिशत थी. यह पिछली सात तिमाही में सबसे तेज वृद्धि दर थी. अर्थव्यवस्था में इस तेजी की वजह मजबूत निवेश और उपभोग बढ़ना था.
वैश्विक उतार-चढ़ाव के बीच India की आर्थिक वृद्धि दर मजबूत बनी हुई है. कई वैश्विक रेटिंग एजेंसी भी इसकी पुष्टि कर चुकी है.
आईएमएफ के मुताबिक, India की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 26 में 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. फिच ने विकास दर वित्त वर्ष 26 में 6.9 प्रतिशत और वित्त वर्ष 27 में 6.3 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जारी किया है.
एसएंडपी ग्लोबल के अनुसार, India की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 26 में 6.5 प्रतिशत और ओईसीडी ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.
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एबीएस/