लजुब्लजाना, 26 मई . डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व में सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल स्लोवेनिया पहुंच गया है. सोमवार को स्लोवेनिया में भारतीय राजदूत अमित नारंग ने प्रतिनिधिमंडल को यूरोपीय देश के साथ भारत के संबंधों और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ रुख के बारे में जानकारी दी.
भारतीय दूतावास ने सोमवार को एक्स पोस्ट में कहा, “भारत और स्लोवेनिया के बीच आपसी विश्वास और साझा मूल्यों पर आधारित मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक अस्थायी सदस्य के रूप में, स्लोवेनिया आतंकवाद-रोधी और वैश्विक शांति को बढ़ावा देने पर वैश्विक चर्चाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. सीमा पार आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता पर राष्ट्रीय एकता का भारत का संदेश वैश्विक स्तर पर आतंकवाद को समाप्त करने पर द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करेगा.”
यह प्रतिनिधिमंडल, ऑपरेशन सिंदूर के महत्व और पाकिस्तान प्रायोजित सीमापार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई को उजागर करने के लिए भारत के वैश्विक कूटनीतिक अभियान का हिस्सा है, जिसका स्लोवेनिया पहुंचने पर राजदूत अमित नारंग और दूतावास के अधिकारियों ने स्वागत किया.
कनिमोझी के नेतृत्व वाले सांसदों में समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय, भाजपा सांसद कैप्टन बृजेश चौटा (सेवानिवृत्त), राजद सांसद प्रेम चंद गुप्ता, आप सांसद अशोक कुमार मित्तल और संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत मंजीव सिंह पुरी शामिल हैं.
यह प्रतिनिधिमंडल रूस की सफल यात्रा के बाद स्लोवेनिया पहुंचा, जहां उसने आतंकवाद से निपटने के संबंध में भारत के दृढ़ रुख की पुष्टि की.
आम आदमी पार्टी (आप) सांसद अशोक मित्तल ने एक्स पोस्ट में कहा, “रूस के मॉस्को की हमारी यात्रा अत्यंत सफल रही. हमें सभी पक्षों, सरकार, विधायिका, थिंक टैंक और मीडिया से अटूट समर्थन मिला. रूस आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख के साथ मजबूती से खड़ा है और उसने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह किसी भी रूप में, किसी भी धरती से आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा.”
पोस्ट में आगे कहा गया है, “अब जब हम स्लोवेनिया जैसे शांतिप्रिय और प्रगतिशील देश के साथ जुड़ रहे हैं, तो हम भारत के मजबूत रुख को आगे बढ़ा रहे हैं. आतंकवाद कहीं भी हो, तो वह हर जगह की शांति को प्रभावित करता है. दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते भारत वैश्विक परिणामों से अलग नहीं रह सकता है और न ही कोई अन्य देश. हम शांति और समृद्धि के लिए इस वैश्विक लड़ाई में स्लोवेनिया की एकजुटता की आशा करते हैं.”
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एएसएच/केआर