नई दिल्ली, 20 मार्च . भारत का कॉफी निर्यात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-फरवरी अवधि में 40 प्रतिशत बढ़कर 1.54 अरब डॉलर हो गया है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 1.10 अरब डॉलर था. यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा दी गई.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में कॉफी का निर्यात 22 प्रतिशत बढ़कर 178.68 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 146.08 मिलियन डॉलर था.
भारतीय रुपयों में, देश का कॉफी निर्यात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-फरवरी अवधि में 43.37 प्रतिशत बढ़कर 13,004.75 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 9,070 करोड़ रुपये था.
भारतीय कॉफी के शीर्ष निर्यात बाजारों में इटली, जर्मनी, रूस, बेल्जियम, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अमेरिका शामिल हैं.
भारत दुनिया में कॉफी का सातवां सबसे बड़ा उत्पादक और पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक है. कॉफी के सबसे बड़े उत्पादक देशों ब्राजील और वियतनाम में प्रतिकूल मौसम के कारण आपूर्ति में कमी के कारण की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं. भारत घरेलू स्तर पर उत्पादित 3.5 लाख टन से अधिक कॉफी का दो-तिहाई से अधिक का निर्यात करता है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार, भारत का कॉफी निर्यात पिछले चार वर्षों में लगभग दोगुना होकर वित्त वर्ष 2023-24 में 1.29 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो 2020-21 में 719.42 मिलियन डॉलर था. इसके साथ ही देश वैश्विक स्तर पर सातवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक बन गया है.
भारत में कॉफी मुख्य रूप से पश्चिमी और पूर्वी घाटों में उगाई जाती है, जो अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध क्षेत्र हैं. कर्नाटक कॉफी उत्पादन में सबसे आगे है, जिसने 2022-23 में 2.48,020 मीट्रिक टन का योगदान दिया था, उसके बाद केरल और तमिलनाडु का स्थान है.
कैफे कल्चर के बढ़ने, अधिक खर्च करने योग्य आय और चाय की तुलना में कॉफी की बढ़ती प्राथमिकता के कारण, भारत में कॉफी की खपत भी लगातार बढ़ रही है. देश में घरेलू खपत 2012 में 84,000 टन से बढ़कर 2023 में 91,000 टन हो गई है.
–
एबीएस/