नई दिल्ली, 14 जनवरी . भारत द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले कोयले का आयात चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीने (अप्रैल से अक्टूबर के बीच) में 3.1 प्रतिशत घटकर 149.39 मिलियन टन (एमटी) रहा है, जो कि पिछले साल की समान अवधि में 154.17 एमटी था. यह जानकारी कोयला मंत्रालय द्वारा मंगलवार को दी गई.
मंत्रालय की ओर से कहा गया कि कोयला आयात में कमी आने की वजह घरेलू स्तर पर उत्पादन में बढ़ोतरी होना है.
नॉन-रेगुलेटेड सेक्टर (पावर सेक्टर को हटाकर) के आयात में सालाना आधार पर 8.8 प्रतिशत की बड़ी कमी आई है.
भारत के पास दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा कोयला भंडार है और घरेलू कोयला उत्पादन में तेजी बढ़ती अर्थव्यवस्था को सहारा देने में अहम भूमिका निभाता है.
हालांकि, देश को स्टील उत्पादन के लिए आवश्यक कोकिंग कोल और बिजली संयंत्रों के लिए उच्च श्रेणी के थर्मल कोयले की अपनी कोयला मांग को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण अंतर का सामना करना पड़ रहा है.
बयान में कहा गया है कि अप्रैल 2024 से अक्टूबर 2024 तक कोयला आधारित बिजली उत्पादन में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3.87 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन थर्मल पावर प्लांट द्वारा मिश्रण के लिए कोयले के आयात में 19.5 प्रतिशत की बड़ी कमी देखी गई. इसकी वजह घरेलू उत्पादन बढ़ना है. यह कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता को दर्शाता है.
बयान में आगे कहा गया कि विद्युत क्षेत्र के लिए कोयले के आयात में वृद्धि आयातित कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों (केवल आयातित कोयले का उपयोग करने के लिए डिजाइन किए गए) के कारण हुई है, जो पिछले वर्ष के 21.71 एमटी से 38.4 प्रतिशत बढ़कर 30.04 एमटी हो गई है.
सरकारी बयान के मुताबिक, कोयला उत्पादन अप्रैल-अक्टूबर 2024 की अवधि में सालाना आधार पर 6.04 प्रतिशत बढ़कर 537.57 एमटी हो गया है, जो वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में 506.93 एमटी था.
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एबीएस/