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New Delhi, 24 नवंबर . India के कैपेक्स लैंडस्केप ने चालू वित्त वर्ष में आशावाद के संकेत दिए हैं. Monday को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र और राज्य Government का कैपेक्स मजबूत बना हुआ है और यह समग्र निवेश को समर्थन दे रहा है. भारतीय कॉर्पोरेट से कैपेक्स का रिवाइवल एक प्रभावी कारक बना हुआ है.
इसके अलावा, कैपिटल गुड्स फर्मों के एक रिप्रेजेंटेटिव सैंपल के लिए ऑर्डर बुक डेटा भविष्य के कैपिटल खर्च को मापने का एक प्रभावी तत्व है. यह कैपेक्स के लिए एक अच्छा आउटलुक दिखा रहा है.
केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस गति की वजह से दूसरे इंडस्ट्रीज में भी सकारात्मक स्पिलओवर इफेक्ट आएगा, इससे अर्थव्यवस्था में एक बड़े कैपेक्स साइकिल को समर्थन मिलेगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑयल एंड गैस और स्टील जैसे सेक्टर में कैपेक्स चालू वित्त वर्ष में बढ़ने का अनुमान है.
इस वर्ष अभी तक पब्लिक सेक्टर का निवेश उच्च बना हुआ है, जिसमें केंद्र और राज्य Government द्वारा कैपेक्स डबल-डिजिट ग्रोथ दर्ज करवा रहा है.
वहीं, कॉर्पोरेट कैपेक्स फ्रंट पर 1,899 लिस्टेड नॉन-फाइनेंशियल कंपनियों के कुल कैपेक्स में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि वित्त वर्ष 25 में बढ़कर 9.4 लाख करोड़ रुपए हो गया है. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में निवेश की घोषणाओं की आए उछाल और काम पूरा होने में आई तेजी इन्वेस्टमेंट सेंटीमेंट में सुधार को दिखाती है.
केयरएज रेटिंग्स की चीफ इकोनॉमिस्ट रजनी सिन्हा ने कहा, “केंद्र का कैपेक्स मजबूत बना हुआ है और हमने राज्य के कैपेक्स में भी चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सुधार देखा है. इसके अलावा, भारतीय कंपनियों के कैपेक्स में भी सुधार देखा जा रहा है, जिसे ऑयल एंड गैस, पावर, टेलीकॉम और ऑटो से समर्थन मिल रहा है.”
सिन्हा ने कहा कि कैपिटल गुड्स कंपनियों की ऑर्डर बुक में अच्छी गति देखने को मिल रही है. बीते चार वर्षों की बात करें तो India का इन्वेस्टमेंट से जीडीपी रेश्यो एवरेज 30.3 प्रतिशत रहा.
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एसकेटी/