भारत का एआई बाजार 2027 तक 17 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा, प्रतिभा की मांग बढ़ेगी : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 20 फरवरी . नैसकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का एआई बाजार 2027 तक 25 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 17 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. एआई निवेश में भी इसी तरह की वृद्धि होगी.

बाजार अनुसंधान फर्म बीसीजी के साथ साझेदारी में नैसकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, जेनएआई सहित एआई/एमएल क्षमताओं के साथ भारत का एआई बाजार बढ़ रहा है, जो 2023 में आईटी खरीदारों द्वारा किए जाने वाले आईटी खर्च की शीर्ष श्रेणी के रूप में उभर रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वृद्धि कई कारकों से प्रेरित है, जिसमें उद्यम तकनीकी खर्च में वृद्धि भारत का बढ़ता एआई प्रतिभा आधार और एआई निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि शामिल है.

नैसकॉम के अध्यक्ष देबजानी घोष ने कहा, “जनरेटिव एआई के आगमन के साथ भारतीय तकनीकी कंपनियां पारंपरिक आईटी और बिजनेस प्रोसेस प्रबंधन से परे अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही हैं, जिसमें एआई-संचालित एनालिटिक्स, इंटेलिजेंट ऑटोमेशन और व्यक्तिगत ग्राहक इंटरैक्शन शामिल हैं.”

उन्होंने कहा, “इस यात्रा को तेज करने के लिए एआई कौशल पर बड़े पैमाने पर निवेश, नैतिक और सुरक्षित एआई विकास प्रथाओं और शासन ढांचे में निवेश की जरूरत होगी.”

एआई जॉब फंक्शंस में काम करने वाले 420,000 कर्मचारियों के साथ भारत आज दूसरा सबसे बड़ा स्थापित प्रतिभा आधार है.

अन्य देशों की तुलना में तीन गुना अधिक एआई कुशल प्रतिभा के साथ देश में कौशल की पहुंच भी सबसे अधिक है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि “पिछले सात वर्षों में एआई में कुशल व्यक्तियों की संख्या में 14 गुना वृद्धि के साथ देश शीर्ष 5 देशों में शामिल है. जैसे-जैसे एआई में निवेश बढ़ रहा है, भारत में एआई प्रतिभा की मांग भी 15 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है.

एआई यात्रा में मानव पूंजी के महत्व को पहचानते हुए अग्रणी कंपनियों ने एआई और संबंधित प्रौद्योगिकियों में अपने कार्यबल को बढ़ाने और फिर से कुशल बनाने में भारी निवेश किया है. कुछ संगठनों ने अपस्किलिंग के लिए समर्पित अगले तीन वर्षों में 1 अरब डॉलर का आवंटन किया है.

बीसीजी के एमडी और सीनियर पार्टनर राजीव गुप्ता ने कहा, “भारतीय कंपनियां एआई के विकास के साथ तालमेल बिठाना शुरू कर रही हैं और तकनीकी क्षेत्र एआई एजेंडे को आगे बढ़ाने वाले गतिशील और विकसित उत्कृष्टता केंद्रों के साथ भविष्य के लिए तैयार संगठन बना रहा है.”

एसएचके/एसजीके