नई दिल्ली, 23 अक्टूबर . 2023 में लगभग 75 करोड़ यूजर्स को 5जी के दायरे में लाया गया, जिसमें से आधे यूजर्स भारत में 5जी सर्विस रोलआउट के तहत जोड़े गए. जीएसएमए की बुधवार को आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल एवरेज डाउनलोड स्पीड 34 एमबीपीएस से 48 एमबीपीएस तक बढ़ने के साथ 2023 में मोबाइल नेटवर्क को लेकर ग्राहकों के अनुभव में सुधार दर्ज हुआ है.
जीएसएमए की ‘स्टेट ऑफ मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी 2024’ रिपोर्ट के अनुसार, “यह अब तक देखी गई सबसे बड़ी वृद्धि को दर्शाता है. सबसे बड़ी वृद्धि दक्षिण एशिया में हुई, जहां भारत में 5जी की शुरुआत से क्षेत्र में औसत डाउनलोड स्पीड में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई.”
भारत में ग्रामीण आबादी के बीच स्मार्टफोन के इस्तेमाल को लेकर 2022 से लेकर 2023 तक में बढ़ोतरी दर्ज हुई है.
विश्लेषण के लिए सात सर्वेक्षण देशों में, पढ़े-लिखे मोबाइल इंटरनेट यूजर कम पढ़े-लिखे यूजर्स की तुलना में साप्ताहिक आधार पर ज्यादा अलग-अलग काम करते हैं.
दिलचस्प बात यह रही कि भारत में कम पढ़े-लिखे मोबाइल इंटरनेट यूजर औसतन साप्ताहिक आधार पर कम से कम आठ अलग-अलग तरह की एक्टविटी कर रहे थे, जबकि सर्वेक्षण के अन्य सभी देशों के पढ़े-लिखे और कम पढ़े-लिखे दोनों ग्रुप के मोबाइल इंटरनेट यूजर्स आठ से कम एक्टिविटी कर रहे थे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी वैश्विक स्तर पर बढ़ रही है, लेकिन 3.45 अरब अनकनेक्टेड लोगों के लिए बाधाएं बनी हुई हैं.
निष्कर्षों से पता चलता है कि मौजूदा मोबाइल इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच वाले लोगों को जोड़ने से 2023-2030 के दौरान कुल सकल घरेलू उत्पाद में अनुमानित अतिरिक्त 3.5 ट्रिलियन डॉलर का योगदान होगा.
जीएसएमए के मुख्य विनियामक अधिकारी जॉन गिउस्टी ने कहा कि नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर की पहुंच बढ़ाने और मोबाइल इंटरनेट अपनाने में निरंतर प्रगति के बावजूद, महत्वपूर्ण डिजिटल डिवाइड अभी भी बना हुआ है.
गिउस्टी ने बताया, “हालांकि, अधिकांश यूजर प्रतिदिन मोबाइल इंटरनेट का उपयोग करते हैं, लेकिन उनकी एक्टिविटी अक्सर केवल एक या दो एक्टिविटी तक ही सीमित रहती हैं, हालांकि कई लोग और अधिक करने की इच्छा व्यक्त करते हैं. यह सार्थक कनेक्टिविटी को सक्षम करने में लगातार बाधाओं को उजागर करता है, जो यूजर्स को ऑनलाइन होने और मोबाइल इंटरनेट का पूरा लाभ प्राप्त करने से रोकता है.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि 4.6 अरब लोग (वैश्विक आबादी का 57 प्रतिशत) अब अपने डिवाइस पर मोबाइल इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं और 35 करोड़ लोग (वैश्विक आबादी का 4 प्रतिशत) बड़े पैमाने पर दूरदराज के क्षेत्रों में रहते हैं, जहां मोबाइल इंटरनेट नेटवर्क नहीं है. लगभग 3.1 अरब लोग (वैश्विक आबादी का 39 प्रतिशत) मोबाइल इंटरनेट कवरेज के भीतर रहते हैं, लेकिन इसका उपयोग नहीं करते हैं .
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एसकेटी/एबीएम