विदेशों से भारतीयों ने 2024 में भेजे 129.4 अरब डॉलर, रेमिटेंस में दुनिया में शीर्ष पर रहा देश

नई दिल्ली, 1 अप्रैल . विदेशों में काम करने वाले भारतीयों ने 2024 में रिकॉर्ड 129.4 अरब डॉलर की राशि भेजी है. वहीं, देश को अक्टूबर- दिसंबर तिमाही में अब तक का सबसे अधिक करीब 36 अरब डॉलर का रेमिटेंस प्राप्त हुआ है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से यह जानकारी दी गई.

वर्ल्ड बैंक के अर्थशास्त्रियों द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, 2024 में भारत रेमिटेंस प्राप्त करने में शीर्ष पर था. इसके बाद दूसरे स्थान पर 68 अरब डॉलर के साथ मैक्सिको था. चीन 48 अरब डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर, फिलीपींस 40 अरब डॉलर के साथ चौथे और पाकिस्तान 33 अरब डॉलर के साथ पांचवे स्थान पर था.

वर्ल्ड बैंक के डेटा के मुताबिक, रेमिटेंस के बढ़ने की रफ्तार 2024 में 5.8 प्रतिशत रही है, जो कि 2023 में 1.2 प्रतिशत थी.

बीते कुछ दशकों में विदेशों में काम करने वाले भारतीयों की संख्या करीब तीन गुना बढ़कर 2024 में 1.85 करोड़ हो गई है, जो कि 1990 में 66 लाख थी. इसके साथ ही ग्लोबल माइग्रेंट्स में भारत का शेयर बढ़कर 6 प्रतिशत से अधिक हो गया है, जो कि पहले 4.3 प्रतिशत था.

दुनिया के अलग-अलग देशों में रह रहे भारतीयों में से करीब 50 प्रतिशत गल्फ देशों में हैं.

कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के उच्च आय वाले देशों में नौकरी बाजारों की रिकवरी अधिक रेमिटेंस का प्रमुख कारण है.

वर्ल्ड बैंक के अनुसार, कम और मध्यम आय वाले देशों में रेमिटेंस जैसे कि एफडीआई, अन्य प्रकार के बाहरी वित्तीय प्रवाहों से अधिक हो गया है और जनसांख्यिकीय रुझानों, आय अंतराल और जलवायु परिवर्तन से माइग्रेशन के कारण इसमें वृद्धि जारी रहेगी.

पिछले दशक के दौरान, रेमिटेंस में 57 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एफडीआई में 41 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.

एबीएस/