वाशिंगटन, 20 अप्रैल . अमेरिका में प्रथम वर्ष के एक छात्र ने एक गेम खेलते-खेलते अपनी जान दे दी. घटना मार्च की बताई जा रही है. ऐसी आशंका है कि मौत के इस मामले के पीछे ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ ऑनलाइन गेम था, जिसे ‘सुसाइड गेम’ भी कहा जाता है.
20 वर्षीय मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष का छात्र 8 मार्च को मृत मिला था. ब्रिस्टल काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के प्रवक्ता ग्रेग मिलियोट का कहना है कि मामले की जांच आत्महत्या के एंगल से की जा रही है.
रिपोर्ट के अनुसार, शुरू में कहा जा रहा था कि छात्र की हत्या की गई है. छात्र को लूटा गया और फिर हत्या कर उसके शव को जंगल में फेंक दिया गया. छात्र का शव जंगल में कार में मिला था. बोस्टन ग्लोब अखबार ने बाद में छात्र की पहचान उसके नाम से की.
हालांकि, परिवार की इच्छा को देखते हुए नाम नहीं बता रहा है. लेकिन दुनिया भर में नाबालिगों और युवाओं को शिकार बनाने के लिए जाने जाने वाले इस खतरनाक गेम को खेलते समय, भारत और विदेश में भारतीय छात्रों और नाबालिगों और अभिभावकों के लिए एक सतर्क घटना के रूप में रिपोर्ट किए जाने की जरूरत है.
‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ एक ऑनलाइन गेम है, जिसमें प्रतिभागियों (पार्टिसिपेंट) को एक चैलेंज दिया जाता है. इस गेम में 50 स्टेप्स हैं, जो धीरे-धीरे कठिन होते जाते हैं.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, चैलेंज के तौर पर छात्र ने दो मिनट तक सांसें रोक कर रखीं. भारत के लिए ब्लू व्हेल चुनौती से मौत की यह पहली घटना हो सकती है.
भारत सरकार कई साल पहले ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ पर प्रतिबंध लगाना चाहती थी, लेकिन इसके बजाय एक एडवाइजरी जारी कर छोड़ दिया गया.
भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गेम के शुरू होने के एक साल बाद 2017 में जारी एक एडवाइजरी में कहा, “ब्लू व्हेल गेम (सुसाइड गेम) आत्महत्या के लिए उकसाने वाला है. इसलिए इससे दूर रहें.”
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह गेम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खेला जाता है. इसमें एक एडमिनिस्ट्रेटर और पार्टिसिपेंट शामिल होता है. एडमिनिस्ट्रेटर 50 दिन की अवधि के दौरान प्रतिदिन एक कार्य सौंपता है. शुरुआत में ये कार्य सरल होते हैं, लेकिन अंतिम चरण में खुद को नुकसान पहुंचाने के साथ वे काफी कठिन होते जाते हैं.
गौरतलब है कि 2015 से 2017 के बीच रूस में ब्लू व्हेल चैलेंज से कई मौतें हुईं थीं.
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एफजेड/