Mumbai , 15 नवंबर . भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों ने इस सप्ताह का अंत मजबूती के साथ किया. मार्केट एनालिस्ट ने कहा कि सेंसेक्स और निफ्टी की इस बढ़त को अमेरिकी शटडाउन के खत्म होने और मजबूत डोमेस्टिक फंडामेंटल जैसे उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजे, कम महंगाई और बिहार में एनडीए की ऐतिहासिक जीत का सपोर्ट मिला.
अक्टूबर में रिकॉर्ड-लो महंगाई ने केंद्रीय बैंक आरबीआई की ओर से अगली ब्याज दर कटौती की उम्मीदों को बढ़ा दिया, जिससे घरेलू बेंचमार्क सूचकांकों में तेजी आई.
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “इस सप्ताह के अंत में एनडीए की बिहार में ऐतिहासिक जीत ने निवेशकों के विश्वास को बढ़ाया, लेकिन यूएस फेडरल रिजर्व से ब्याज दरों में अगली कटौती की कम होती उम्मीदों ने आईटी स्टॉक्स में प्रॉफिट बुकिंग को ट्रिगर कर दिया.”
आखिरी कारोबारी दिन Friday को सूचकांक अधिकतर समय दबाव में रहे हालांकि, शाम को कारोबार के अंत में सूचकांक हरे निशान पर आ गए.
बिहार चुनाव के नतीजों पर नजर बनाए रखने के साथ वोलैटिलिटी बढ़ गई, जो इस कारोबारी दिन का मुख्य ट्रिगर बना.
आखिरी कारोबारी दिन Friday को सेंसेक्स 84.11 अंक या 0.10 प्रतिशत की बढ़त के बाद 84,562.78 पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 30.90 अंक या 0.12 प्रतिशत की तेजी के बाद 25,910.05 स्तर पर आ गया. सेक्टोरल फ्रंट पर मिक्स ट्रेंड देखा गया. पीएसयू बैंक ने नेतृत्व करते हुए 1.17 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की. इसके बाद फार्मा ने 0.59 प्रतिशत, एफएमसीजी ने 0.57 प्रतिशत और फाइनेंशियल सर्विस ने 0.35 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की.
एनर्जी और इंफ्रास्ट्राक्चर को लेकर क्रमश: 0.20 प्रतिशत और 0.19 प्रतिशत के साथ हल्की बढ़त दर्ज की गई. वहीं, नीचे की ओर आईटी ने 1.03 प्रतिशत के साथ गिरावट का नेतृत्व किया. इसके अलावा, मेटल 0.89 प्रतिशत और ऑटो में 0.52 प्रतिशत की गिरावट रही.
ब्रॉडर मार्केट स्पेस में निफ्टी स्मॉल-कैप 100 इंडेक्स 0.38 प्रतिशत और मिडकैप 100 इंडेक्स 0.08 प्रतिशत की बढ़त में रहे.
निफ्टी इंडेक्स को लेकर जानकारों का कहना है कि निफ्टी ने वीकली चार्ट पर एक मजबूत बुल कैंडल बनाई है, जिसमें इसके हाईर हाई और हाईर लो ने दो हफ्तों की करेक्टिव गिरावट के बाद पुलबैक का सिग्नल दिया है. जो कि 25,300-25,400 के महत्वपूर्ण सपोर्ट एरिया से हमारी उम्मीदों के मुताबिक है. आगे के लिए रुझान सकारात्मक बना हुआ है.
आगे की ओर बढ़ते हुए मार्केट की दिशा मैक्रो ट्रिगर्स जैसे India का पीएमआई डेटा, अमेरिकी बेरोजगारी दावों, एफओएमसी मिनट्स और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर प्रगति पर निर्भर होगी.
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