नई दिल्ली, 13 मार्च . किर्गिस्तान स्थित टोकमोक की दुर्गम पहाड़ियों में भारतीय सेना के जवान संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ में हिस्सा ले रहे हैं. वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि दोनों देशों की सेनाएं पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का बेहद महत्वपूर्ण अभ्यास कर रही हैं.
अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने के अभ्यास के लिए दोनों देशों की यह एक साझा मुहिम है. भारत और किर्गिस्तान के बीच यह सैन्य अभ्यास गहरी मित्रता और सहयोग को दर्शाता है. इस संस्करण में भारत के पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) और किर्गिस्तान की स्कॉर्पियन ब्रिगेड के विशेष सैनिक एक साथ प्रशिक्षण ले रहे हैं.
दोनों देशों की सेनाओं के बीच होने वाले ‘खंजर’ अभ्यास का यह 12वां संस्करण है. इस महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2011 में हुई थी. इस वर्ष का अभ्यास 10 मार्च से शुरू हुआ था जो 23 मार्च तक जारी रहेगा.
अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिक शहरी युद्ध स्थितियों, आतंकवाद रोधी रणनीतियों और सटीक स्नाइपिंग का अभ्यास कर रहे हैं. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ का उद्देश्य भारतीय सेना और किर्गिस्तान सेना के विशेष बलों के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है. इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं आतंकवाद के खिलाफ किए जाने वाले अभियानों में अपना कौशल दिखा रही हैं.
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह सैन्य अभ्यास दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों के अनूठे आयाम को दर्शाता है. पिछला ‘खंजर’ अभ्यास जनवरी 2024 में भारत में किया गया था.
इस अभ्यास में जहां पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में भी ऐसी हिंसक समस्याओं से निपटने का अभ्यास होगा. दोनों देशों के बीच होने वाले इस संयुक्त अभ्यास में सैन्य कौशल और क्षमता को बेहतर करने के साथ-साथ दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी इस अभ्यास का हिस्सा है.
यहां किर्गिज नौरोज पर्व में शामिल होना भारतीय सैनिकों के लिए एक अनूठा अवसर होगा. रक्षा मंत्रालय का मानना है कि दोनों देशों के बीच यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान मित्रता को और मजबूत करेगा.
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जीसीबी/एकेजे