New Delhi, 4 अक्टूबर . भारतीय रेलवे ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने के प्रयास के तहत नागालैंड से मालगाड़ियों का परिचालन शुरू किया है. मिजोरम में रेल सेवाओं की सफल शुरुआत के बाद यह रेलवे का इसी क्रम में एक अगला प्रयास है.
रेल मंत्रालय ने बीते महीने सितंबर में नागालैंड के मोल्वोम स्टेशन से मालगाड़ियों का परिचालन शुरू किया था.
तेलंगाना से सीमेंट के 41 वैगनों वाला पहला रेक 24 सितंबर को राज्य के मोल्वोम स्टेशन पहुंचा.
इसके बाद, 29 सितंबर को मोल्वोम से पहला आउटवार्ड रेक त्रिपुरा के जिरानिया के लिए 42 वैगनों वाले स्टोन चिप्स के साथ रवाना हुआ.
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, 82.5 किलोमीटर लंबी दीमापुर-कोहिमा नई लाइन पर काम चल रहा है, जिसमें धनसिरी-शोखुवी खंड 2021 में चालू हुआ और पहली यात्री सेवा डोनी पोलो एक्सप्रेस अगस्त 2022 में शुरू हुई.
भारतीय रेलवे दीमापुर-कोहिमा (धनसिरी-ज़ुब्जा) रेल लाइन परियोजना के साथ नागालैंड की राजधानी कोहिमा तक रेल लाइन का विस्तार कर रहा है.
मोल्वोम तक एक खंड पूरा हो चुका है, जबकि कोहिमा के पास ज़ुब्जा तक अंतिम चरण दिसंबर 2029 तक पूरा होने का अनुमान है.
Prime Minister Narendra Modi द्वारा 13 सितंबर को बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन परियोजना का उद्घाटन किया गया.
बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन मिजोरम को नेशनल रेलवे नेटवर्क से जोड़ता है और व्यापार, संपर्क और अवसरों के नए द्वार खोलता है.
8070 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से निर्मित 51 किलोमीटर लंबी परियोजना आइजोल को राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ती है.
इसके अलावा, मिजोरम में पीएम मोदी सैरांग से दिल्ली (राजधानी एक्सप्रेस), कोलकाता (मिजोरम एक्सप्रेस) और गुवाहाटी (आईजोल इंटरसिटी) के लिए तीन रेल सेवाओं को हरी झंडी दिखा चुके हैं.
1980 के दशक के अंत में असम सीमा के पास बैराबी स्टेशन से मीटर-गेज स्टेशन के रूप में मिज़ोरम की रेल यात्रा शुरू हुई थी.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वर्ष 2016 में, 83.55 किलोमीटर लंबी कथकल-बैराबी गेज परिवर्तन परियोजना के तहत इसे ब्रॉड गेज में अपग्रेड किया गया, जहां 42 वैगन चावल के साथ पहली मालगाड़ी आई और Prime Minister Narendra Modi ने वर्चुअल रूप से एक यात्री सेवा को भी हरी झंडी दिखाई.
वहीं, भविष्य के लिए 223 किलोमीटर लंबी सैरांग-बिछुआ परियोजना का मकसद मिजोरम की दक्षिणी सीमा तक पटरियों का विस्तार करना है, जिससे सित्तवे बंदरगाह के जरिए म्यांमार और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए सीधे व्यापार मार्ग खुलेंगे.
Prime Minister Narendra Modi की एक्ट ईस्ट नीति के तहत, पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए रेल बजट आवंटन 2009-14 की तुलना में पांच गुना बढ़ा दिया गया है. अकेले इस वित्त वर्ष में 10,440 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. 2014 से 2025 तक कुल बजटीय आवंटन 62,477 करोड़ रुपए है. इस क्षेत्र में 77,000 करोड़ रुपए की रेल परियोजनाएं चल रही हैं.
आधिकारिक बयान के अनुसार, “यात्री और माल ढुलाई सेवाओं दोनों की बढ़ती मांग दर्शाती है कि रेल कनेक्टिविटी पूर्वोत्तर में जीवन जीने के स्तर को बदल रहा है. ये नए संपर्क आर्थिक विकास, स्थानीय उत्पादों के लिए बेहतर बाजार पहुँच और व्यापार एवं रोजगार के नए अवसर प्रदान करते हैं.”
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एसकेटी/