नई दिल्ली, 10 मार्च . वित्त वर्ष 2026 में भारतीय फार्मा बाजार में सालाना आधार पर 8-9 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है. सोमवार को जारी एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (आईएनडी-आरए) की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 में इस सेक्टर की वृद्धि सालाना आधार पर 7.5-8.0 प्रतिशत रहेगी.
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर कृष्णनाथ मुंडे ने कहा कि “भारतीय फार्मा बाजार में वित्त वर्ष 2024 में सालाना आधार पर 6.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023 में सालाना आधार पर 9.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी.”
इस साल फरवरी में फार्मा बाजार ने सालाना आधार पर 7.5 प्रतिशत का राजस्व दिया. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कीमत और नए लॉन्च में आई वृद्धि की वजह से देखी गई. कीमत में वृद्धि सालाना आधार पर 5.2 प्रतिशत और नए लॉन्च में सालाना आधार पर 2.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा, मूविंग एनुअल टोटल (एमएटी) या ओवरऑल फार्मा प्रोडक्ट्स की 12 महीने की रोलिंग बिक्री में फरवरी में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.
कार्डियक थेरेपी ने फार्मा बाजार में एमएटी में 10.8 प्रतिशत की वृद्धि और मासिक बाजार हिस्सेदारी में 13.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बेहतर प्रदर्शन किया.
इसके बाद गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, न्यूरोलॉजी/सेंट्रल नर्वस सिस्टम और डर्मेटोलॉजी का स्थान रहा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी ओर, एंटी-इंफेक्टिव, रेस्पिरेटरी और गायनोकोलॉजी थेरेपी में फरवरी में कमजोर वृद्धि देखी गई.
इस बीच, एक दूसरी हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि देश में फार्मा सेक्टर में तेजी से उत्पादन वृद्धि देखी जा रही है.
मैकिन्से एंड कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय फार्मा सेक्टर 8 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ा है और 2024 में निर्यात दरों में भी 9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.
एपीआई और बायोटेक्नोलॉजी में अपनी क्षमताओं का विस्तार करते हुए, इसने 8 प्रतिशत सीएजीआर से वृद्धि की है, जो वैश्विक औसत से दोगुना है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश जेनेरिक दवाओं का दुनिया का सबसे बड़ा सप्लायर भी बन गया है, जिसकी फार्मा निर्यात वृद्धि दर 9 प्रतिशत है, जो वैश्विक औसत से लगभग दोगुनी है.
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एसकेटी/एबीएम