संयुक्त राष्ट्र, 3 अक्टूबर . संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने लेबनान में शांति स्थापना अभियान में सेना भेजने वाले भारत और अन्य देशों की सराहना की. उन्होंने बुधवार को कहा, ‘लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के शांति सैनिक अपनी जगह पर बने हुए हैं. हालांकि इजरायल ने इन्हें कहीं और ट्रांसफर करने की मांग की है लेकिन संयुक्त राष्ट्र का ध्वज वहां लहरा रहा है.” यूएन चीफ ने मध्य पूर्व की स्थिति पर सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक में यह बात कही.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा, “मैं, संयुक्त राष्ट्र शांति सेना – यूएनआईएफआईएल – के मिलिट्री और सिविलियन मेंबर्स तथा सैन्य योगदान देने वाले देशों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता दोहराता हूं.”
लगभग 900 भारतीय सैनिक यूएनआईएफआईएल के साथ हैं, जो इजरायल और लेबनान को अलग करने वाली ‘ब्लू लाइन’ पर तैनात है. वे लेबनान में घुस आई इजरायली सेना और लेबनानी आतंकी ग्रुप हिजबुल्लाह के बीच, तैनात हैं.
गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने अपनी दैनिक ब्रीफिंग में कहा कि जमीन पर मौजूद यूएनआईएफआईएल अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी जारी है और पहले से ज्यादा हो रही है. उन्होंने कहा, “वे अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही साथ अपनी जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं.”
दुजारिक ने बताया कि इजरायली सेना ने यूएनआईएफआईएल को ब्लू लाइन के पास कई जगहों से हटने के लिए कहा था लेकिन इसने ऑपरेशनल और राजनीतिक दोनों ही नजरिए से, रुकने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा, “हम वहीं जमे रहेंगे, साथ ही साथ हम अपने रुख और शांति सैनिकों की सुरक्षा का हर घंटे के आधार पर आकलन करेंगे.”
इस हफ्ते इजरायल ने दक्षिणी लेबनान पर जमीनी हमला शुरू कर दिया. यहूदी राष्ट्र ने बुधवार लेबनान में अपने आठ सैनिकों की मौत की पुष्टि की. इस बीच लेबनानी अधिकारियों का कहना है कि बेरूत पर बुधवार रात को हुए भारी इजरायली हवाई हमलों में कम से कम छह लोग मारे गए.
इससे पहले इजरायल और हमास के समर्थक ईरान ने मंगलवार रात इजरायल पर बड़ा मिसाइल हमला किया.
इजरायल के चैनल 13 टीवी समाचार ने बताया कि ईरान की तरफ से कम से कम 200 जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें दागी गईं, जिससे पूरे देश में सायरन बजने लगे और लाखों लोग शेलटर्स की ओर भागे.
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