एसएनएपी विवाद पर भारतीय मूल की जज का आदेश चर्चा में, ट्रंप प्रशासन से कहा, ‘नागरिकों को भूखा रखना संविधान के खिलाफ’

वाशिंगटन, 1 नवंबर . अमेरिका के लाखों गरीबों के मुंह से निवाला छीनने की कोशिशों पर दो न्यायाधीशों ने रोक लगा दी है. स्नैप (एसएनएपी) को स्नैच करने की कोशिश को दोनों ने अनुचित बताते हुए सियासत को इससे दूर रखने की सलाह भी दी.

वाशिंगटन, 1 नवंबर . अमेरिका के लाखों गरीबों के मुंह से निवाला छीनने की कोशिशों पर दो न्यायाधीशों ने रोक लगा दी है. स्नैप (एसएनएपी) को स्नैच करने की कोशिश को दोनों ने अनुचित बताते हुए सियासत को इससे दूर रखने की सलाह भी दी.

अमेरिका में फूड स्टैंप योजना यानी स्नैप (सप्लिमेंटल न्यूट्रिशन असिस्टेंस प्रोग्राम) को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया. दो न्यायाधीशों ने ट्रंप प्रशासन के आदेश को अनुचित ठहराया. चर्चा में भारतीय मूल की अमेरिकी जज तलवानी हैं.

मैसाचुसेट्स की फेडरल जज ने ट्रंप प्रशासन के उस निर्णय पर रोक लगाई है जिसमें इस योजना के फंड को अस्थायी रूप से सस्पेंड करने की बात कही गई थी. अदालत ने कहा कि भोजन जैसी बुनियादी जरूरत को “Political गतिरोध की कीमत पर खत्म नहीं किया जा सकता” और इस योजना को रोकना “कानूनी तौर पर अनुचित” है. उन्होंने ये भी कहा कि नागरिकों को भूखा रखना संविधान के खिलाफ है.

इसके साथ ही Government को अपनी बात रखने के लिए Monday तक की मोहलत भी दी. तलवानी ने Government से पूछा कि वे Monday तक बताएं कि योजना के लिए फंड कैसे सुनिश्चित करेंगे?

बता दें, अमेरिका में Governmentी शटडाउन का दौर जारी है, जिससे कई सामाजिक कल्याण योजनाएं प्रभावित हुई हैं. इसी दौरान ट्रंप प्रशासन ने स्नैप फूड स्टैंप प्रोग्राम के बजट को रोकने का निर्णय लिया. यह वही योजना है जिससे करीब 4 करोड़ अमेरिकी नागरिकों, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को भोजन सहायता मिलती है.

इस निर्णय के बाद 25 डेमोक्रेटिक-शासित राज्यों और वाशिंगटन डी.सी. ने संयुक्त रूप से यूएसडीए (यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर) के खिलाफ मुकदमा दायर किया.

न्यू यॉर्क पोस्ट के अनुसार राज्यों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने यह कहते हुए लाभ रोक दिए कि “द वेल हैज रन ड्राई,” जिसका सीधा मतलब है कि अब फंड खत्म हो चुका है, जबकि यह संवैधानिक रूप से गलत है क्योंकि Government को आपातकालीन प्रावधानों से इस योजना को जारी रखना चाहिए.

मैसाचुसेट्स की यू.एस. डिस्ट्रिक्ट जज इंदिरा तलवानी, जो भारतीय मूल की अमेरिकी न्यायाधीश हैं, ने सुनवाई के दौरान कहा, “भोजन जैसी मूलभूत जरूरत को Political खींचतान का शिकार नहीं बनाया जा सकता. Government की प्राथमिकता अपने नागरिकों की सुरक्षा और भोजन सुनिश्चित करना है.”

उन्होंने ट्रंप प्रशासन से पूछा कि क्या कृषि विभाग (यूएसडीए) के पास कोई आपातकालीन फंड मौजूद है जिससे स्नैप लाभ अस्थायी रूप से जारी रखे जा सकें. जज तलवाणी ने यह भी कहा कि “Government का यह कहना कि फंड खत्म हो गए हैं, कोई वैधानिक बहाना नहीं है.”

कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क, इलिनॉय, वॉशिंगटन और मैरीलैंड जैसे राज्यों ने अदालत से कहा कि स्नैप न केवल आर्थिक सहायता है बल्कि राष्ट्रीय पोषण सुरक्षा प्रणाली का केंद्रबिंदु है. उनका तर्क था कि फूड बेनिफिट्स रुकने से लाखों बच्चों, सिंगल मदर्स और बुजुर्गों को तत्काल संकट झेलना पड़ेगा.

फेडरल कोर्ट ने स्नैप को निलंबित करने वाले ट्रंप प्रशासन के फैसले पर अस्थायी रोक लगाई है और यूएसडीए को निर्देश दिया है कि वैकल्पिक स्रोतों से फंडिंग सुनिश्चित की जाए. अदालत ने कहा, “किसी भी नागरिक को सिर्फ इसलिए भूखा नहीं रहना चाहिए कि Government अपने बजट पर सहमति नहीं बना पा रही है.”

वहीं, रोड आइलैंड स्थित अमेरिकी जिला न्यायालय के न्यायाधीश जॉन जे. मैककोनेल ने अपने फैसले में प्रशासन को “जल्द से जल्द आकस्मिक धन वितरित करने” की नसीहत दी ताकि नवंबर में लाभ जारी रहे.

केआर/