चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ से निपटने के लिए भारतीय नौसेना तैयार

नई दिल्ली, 26 मई . चक्रवात ‘रेमल’ के 26 और 27 मई की मध्यरात्रि को पश्चिम बंगाल के तट को पार करने की आशंका है. चक्रवात के सागर द्वीप, पश्चिम बंगाल और खेपुपारा, बांग्लादेश के बीच टकराने का अनुमान है. इसको देखते हुए भारतीय नौसेना ने मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) के लिए अपनी तैयारी कर ली है.

नौसेना की तैयारी के अंतर्गत दो जहाजों को राहत और बचाव कार्य के लिए तैयार रखा गया है. सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टर्स, डोर्नियर विमानों, गोताखोर टीम और बाढ़ राहत टीम भी तैयार रखी गई है. नौसेना की राहत और बचाव कार्रवाई मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करते हुए शुरू की गई है.

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय द्वारा व्यापक प्रारंभिक कार्रवाई के साथ, नौसेना मुख्यालय में भी स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. रेमल के गंभीर चक्रवात में बदलने की आशंका है, इसके सागर द्वीप, पश्चिम बंगाल और खेपुपारा, बांग्लादेश के बीच टकराने का अनुमान है.

अपनी तैयारी के अंतर्गत भारतीय नौसेना ने प्रभावित आबादी की सुरक्षा और राहत सुनिश्चित करने के लिए एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति से लैस दो जहाजों को तैयार किया है. नौसेना के जहाजों की तत्काल तैनाती की जा रही है.

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इसके अतिरिक्त, सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टर के साथ-साथ डोर्नियर विमानों सहित भारतीय नौसेना की विमानन संपत्तियां त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं.

मंत्रालय के मुताबिक प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए उपकरणों के साथ विशेष गोताखोर टीम को कोलकाता में तैनात किया गया है. आवश्यक उपकरणों के साथ अतिरिक्त गोताखोर टीम विशाखापत्तनम में स्टैंडबाय हैं, जो जरूरत पड़ने पर त्वरित तैनाती और कार्रवाई के लिए तैयार हैं.

एचएडीआर और चिकित्सा आपूर्ति के साथ दो बाढ़ राहत टीमें (एफआरटी) कोलकाता में तैनात की जा रही हैं. इसके अलावा विशाखापत्तनम और चिल्का से दो-दो एफआरटी तैयार हैं और सूचना पर तैनाती के लिए तैयार हैं.

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि भारतीय नौसेना सतर्क है और चक्रवात ‘रेमल’ के मद्देनजर तत्काल और प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिए उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है.

जीसीबी/एबीएम