राष्ट्रपति पुतिन से मिले भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर, विभिन्न मुद्दों पर चर्चा

मॉस्को, 21 अगस्त . भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने Thursday को मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की.

रूसी राष्ट्रपति कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, इस बैठक में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, रूस के प्रथम उपप्रधानमंत्री और भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग) के रूसी हिस्से के अध्यक्ष डेनिस मांटुरोव तथा रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार भी मौजूद रहे.

एस जयशंकर ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, ”आज क्रेमलिन में राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात कर सम्मानित महसूस किया. मैंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हार्दिक शुभकामनाएं उन्हें प्रेषित कीं. मैंने उन्हें प्रथम उपप्रधानमंत्री डेनिस मांटुरोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ हुई अपनी चर्चाओं से अवगत कराया. वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारियां तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं. वैश्विक परिदृश्य और यूक्रेन पर हालिया घटनाक्रम को लेकर उनके विचार साझा करने की सराहना करता हूं.”

इससे पहले जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा की. दोनों नेताओं ने यूक्रेन, यूरोप, ईरान, पश्चिम एशिया, अफगानिस्तान और भारतीय उपमहाद्वीप से जुड़े मुद्दों पर भी विचार साझा किए.

जयशंकर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “आज मॉस्को में विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलकर खुशी हुई. हमारे बीच व्यापार, निवेश, ऊर्जा, उर्वरक, स्वास्थ्य, कौशल व गतिशीलता, रक्षा और लोगों से लोगों के बीच संबंधों पर विस्तृत चर्चा हुई. हमने यूक्रेन, यूरोप, ईरान, पश्चिम एशिया, अफगानिस्तान और भारतीय उपमहाद्वीप पर विचार साझा किए. साथ ही, संयुक्त राष्ट्र, जी20, एससीओ और ब्रिक्स में सहयोग पर भी बातचीत हुई. हमारी बैठक ने इस वर्ष के अंत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए परिणामों और निर्णयों को तैयार करने में मदद की.”

रूसी विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को मजबूत करने और ग्लोबल साउथ के देशों को उनकी राजनीतिक संप्रभुता की रक्षा में सहयोग देने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने राजनीतिक संपर्कों को और आगे बढ़ाने, व्यापार और आर्थिक सहयोग को गहरा करने, सतत परिवहन व लॉजिस्टिक श्रृंखलाओं तथा वित्तीय चैनलों को मज़बूत करने और शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा व हाइड्रोकार्बन उत्पादन के क्षेत्र में साझेदारी का विस्तार करने पर भी चर्चा की.

वार्ता की शुरुआत में लावरोव ने कहा कि भारत और रूस एक-दूसरे को “विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदार” मानते हैं और मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में बहुध्रुवीय व्यवस्था के निर्माण में दोनों देशों की भूमिका महत्वपूर्ण है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, जी20, ब्रिक्स और एससीओ जैसे मंचों पर सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

जयशंकर ने विश्वास जताया कि उनकी चर्चाएं सार्थक साबित होंगी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच इस वर्ष के अंत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन को अधिक “परिणाममुखी” बनाने में योगदान देंगी.

उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में डेनिस मांटुरोव के साथ अंतर-सरकारी आयोग की बैठक में कई द्विपक्षीय मुद्दों पर समाधान निकाले गए और अब इन चर्चाओं को आगे बढ़ाकर वार्षिक शिखर सम्मेलन से अधिकतम परिणाम प्राप्त करना उनका उद्देश्य है.

डीएससी/