नोम पेन्ह, 2 अक्टूबर . कंबोडिया के नोम पेन्ह स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को घोषणा की कि उसने देश के पोइपेट से 67 भारतीय नागरिकों को बचाया है. इन लोगों को साइबर अपराध में शामिल फर्जी एजेंटों ने नौकरी का झांसा देकर फंसाया था.
दूतावास ने एक बयान में कहा कि वह फर्जी एजेंटों के नौकरी के झांसे में फंसे भारतीय नागरिकों को बचाने और वापस लाने में सक्रिय रूप से लगा हुआ है.
दूतावास के अनुसार, कंबोडियाई पुलिस ने 22 सितंबर को विशिष्ट सुरागों के आधार पर पोइपेट से 67 भारतीय नागरिकों को बचाया. दूतावास अब पीड़ितों की स्वदेश वापसी के लिए कंबोडियाई अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है.
दूतावास के अधिकारियों की एक टीम इस प्रक्रिया की देखरेख कर रही है. साथ ही बचाए गए नागरिकों की सुचारू रूप से वतन वापसी के लिए स्टाफ के सदस्य हवाई अड्डे पर तैनात हैं.
उल्लेखनीय है कि उनमें से 15 भारतीय नागरिक 30 सितंबर तक पहले ही स्वदेश लौट चुके थे. इसके बाद 1 अक्टूबर को 24 और लोग स्वदेश लौट आए. शेष 28 व्यक्तियों के आने वाले दिनों में भारत पहुंचने की उम्मीद है.
बयान में कहा गया है, “भारतीय दूतावास स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और ऐसे साइबर अपराध में फंसे अपने नागरिकों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है.”
इन घटनाओं के मद्देनजर, दूतावास ने भारतीय नागरिकों को कंबोडिया और अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में नौकरी के अवसरों पर विचार करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है. विशेष रूप से उन अवसरों पर जो संदिग्ध एजेंटों या सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से विज्ञापित किए जाते हैं.
एडवाइजरी के अलावा, आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर और एक ईमेल पता भी उन भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध कराया गया है जो ऐसी ही परिस्थितियों में फंसे हो सकते हैं और भारत लौटना चाहते हैं.
बता दें कि जनवरी 2022 से दूतावास ने एक हजार से अधिक भारतीय नागरिकों को वापस लाने में मदद की है. साल 2024 में कंबोडियाई अधिकारियों के सहयोग से भारतीय दूतावास द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों के बाद लगभग 770 नागरिकों को वापस लाया गया है.
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आरके/एकेजे