मोनरोविया, 3 जून . शिवसेना सांसद श्रीकांत एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने लाइबेरिया की तीन दिवसीय महत्वपूर्ण आधिकारिक यात्रा पूरी कर ली है. इस यात्रा ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के वैश्विक अभियान को बल देने और पश्चिम अफ्रीकी देश के साथ द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने का काम किया है.
लाइबेरिया स्थित भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा कि यह यात्रा “आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति जीरो टॉलरेंस का दृढ़ संदेश लेकर आई है.”
प्रतिनिधिमंडल में सांसद बांसुरी स्वराज, अतुल गर्ग, मनन कुमार मिश्रा, सस्मित पात्रा, ई.टी. मोहम्मद बशीर, एस.एस. अहलूवालिया और पूर्व राजदूत सुजान चिनॉय शामिल थे, जिन्होंने 31 मई से 2 जून के बीच प्रमुख लाइबेरियाई नेताओं के साथ उच्च स्तरीय वार्ता की. इनमें राष्ट्रपति जोसेफ न्यमा बोकाई, प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष, सीनेट के प्रो-टेम्पोर राष्ट्रपति और विदेश मंत्री के साथ बैठक शामिल थीं.
राष्ट्रपति बोकाई के साथ बैठक के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित लाइबेरिया के शोक और एकजुटता संदेश के लिए आभार व्यक्त किया. बदले में लाइबेरिया के नेतृत्व ने “ऑपरेशन सिंदूर” सहित भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की और आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ एकीकृत अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया.
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (2026-27) के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में लाइबेरिया के आगामी कार्यकाल का स्वागत किया. दूतावास के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि “इस उच्च मंच से लाइबेरिया की भूमिका आतंकवाद के खतरे के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण होगी.”
यात्रा के दौरान एक महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब डॉ. शिंदे लाइबेरिया की सीनेट को संबोधित करने वाले पहले भारतीय सांसद बने. इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के “दृढ़ रुख” को दोहराया और “इस वैश्विक खतरे का सामना करने में अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता” का आह्वान किया.
प्रतिनिधिमंडल ने लाइबेरियाई सांसदों, थिंक टैंकों और स्थानीय मीडिया के सदस्यों से भी मुलाकात की. चर्चा लोकतांत्रिक सहयोग, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और शांति और आपसी सम्मान के साझा मूल्यों पर केंद्रित थी.
दूतावास के अनुसार, “यह यात्रा न केवल भारत और लाइबेरिया के बीच स्थायी मित्रता को प्रतिबिंबित करती है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ दोनों देशों के साझा, अडिग रुख को भी उजागर करती है.”
यह यात्रा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद की गई है और यह पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को उजागर करने के मिशन का हिस्सा है. लाइबेरिया यात्रा का समापन दोनों पक्षों द्वारा शांतिपूर्ण, सुरक्षित और आतंक-मुक्त विश्व के निर्माण में मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि के साथ हुआ.
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एएसएच/एएस