कर्नाटक, 9 अक्टूबर . कर्नाटक तट पर 8 और 9 अक्टूबर को क्षेत्रीय खोज एवं बचाव अभ्यास का सफल आयोजन किया गया. तटरक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय (पश्चिम), Mumbai के तत्वावधान में आयोजित इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य समुद्री खोज एवं बचाव के सभी हितधारकों के बीच सामूहिक तैयारी और समन्वय का मूल्यांकन करना था, ताकि वे समुद्र में सामूहिक बचाव अभियानों को प्रभावी ढंग से संभाल सकें.
अभ्यास में कर्नाटक Police, एनडीआरएफ, न्यू मंगलौर पोर्ट अथॉरिटी (एनएमपीए) सहित कई प्रमुख एजेंसियों ने भाग लिया, जिसमें समुद्री आपात स्थितियों से निपटने पर जोर दिया गया.
आयोजन में डीजीपी आईएसडी डॉ. प्रणब मोहंती मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. उन्होंने कर्नाटक तटरक्षक जिला मुख्यालय के कमांडर डीआईजी पीके मिश्रा के साथ आईसीजीएस विक्रम पर सवार होकर अभ्यास को देखा.
अभ्यास के दौरान इंजन कक्ष में भीषण आग लगने की सूचना दी गई थी, जिसके बाद समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी), Mumbai ने खोज और बचाव मिशन समन्वयक (एसएमसी) की भूमिका निभाई, जबकि समुद्री बचाव उप केंद्र (एमआरएससी), न्यू मंगलौर ने कमांड पोस्ट के रूप में कार्य किया.
कार्रवाई में बाहरी अग्निशमन, हेलीकॉप्टर द्वारा चिकित्सा निकासी, बोर्डिंग ऑपरेशन और ड्रोन की सहायता से लाइफबॉय और रिमोट लाइफ जैकेट की तैनाती जैसे महत्वपूर्ण अभियान शामिल थे.
इसके अलावा, तटरक्षक डोर्नियर विमानों द्वारा लाइफराफ्ट की हवाई-ड्रॉपिंग और एनडीआरएफ टीमों द्वारा घायलों को नजदीकी अस्पतालों तक पहुंचाना भी अभ्यास का हिस्सा था.
इस अभ्यास में आईसीजी जहाज, विमान, गोताखोर, एनडीआरएफ कर्मी, मरीन Police बोट और एनएमपीए टग सहित कई संपत्तियों ने भाग लिया.
क्षेत्रीय खोज एवं बचाव अभ्यास ने बड़े पैमाने पर हताहतों की घटनाओं से निपटने में सभी हितधारकों की परिचालन तत्परता और बचाव समन्वय तंत्र को सफलतापूर्वक प्रमाणित किया.
यह अभ्यास भारतीय तटरक्षक बल के आदर्श वाक्य “वयं रक्षामः” (हम रक्षा करते हैं) को दर्शाता है, जो भारतीय जल में जानमाल की सुरक्षा के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता पर बल देता है.
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एसएके/एबीएम