नई दिल्ली, 15 मई . नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 (सीएए) की अधिसूचना जारी होने के बाद बुधवार को पहली बार कई लोगों को भारत की नागरिकता का प्रमाण पत्र दिया गया. सरकार द्वारा की गई उचित जांच के बाद 14 आवेदकों को नागरिकता देने का निर्णय लिया गया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक इन नियमों के लागू होने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित व्यक्तियों से आवेदन प्राप्त हुए हैं. ये वे लोग हैं जो धार्मिक उत्पीड़न या इसके डर के कारण 31.12.2014 तक भारत आ गए थे.
बुधवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने नई दिल्ली में कुछ आवेदकों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे. इस अवसर पर गृह सचिव ने आवेदकों को बधाई देते हुए नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला. इस दौरान सचिव, डाक, निदेशक (आसूचना) और भारत के रजिस्ट्रार जनरल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
भारत सरकार ने 11 मार्च, 2024 को नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 को अधिसूचित किया था. इन नियमों में आवेदन करने के तरीके, जिलास्तरीय समिति (डीएलसी) द्वारा आवेदन को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया और राज्यस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (ईसी) द्वारा आवेदनों की जांच और नागरिकता प्रदान करने की व्यवस्था की गई है.
प्राधिकृत अधिकारियों के रूप में वरिष्ठ डाक अधीक्षकों/डाक अधीक्षकों की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समितियों (डीएलसी) ने दस्तावेजों के सफल सत्यापन के बाद आवेदकों को निष्ठा की शपथ दिलाई है. नियमानुसार आवेदनों की प्रोसेसिंग के बाद, डीएलसी ने आवेदनों को निदेशक (जनगणना संचालन) की अध्यक्षता वाली राज्यस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (ईसी) को भेज दिया है.
आवेदनों की प्रोसेसिंग पूर्णत ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाती है. निदेशक (जनगणना संचालन), दिल्ली की अध्यक्षता में दिल्ली की अधिकार प्राप्त समिति ने उचित जांच के बाद 14 आवेदकों को नागरिकता देने का निर्णय लिया है. इसी क्रम में, निदेशक (जनगणना संचालन) ने इन आवेदकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए.
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जीसीबी/एबीएम